देश में बड़ा नक्सली हमला हुआ, लेकिन गृह मंत्री को किसी ने नहीं देखा. अब बीजेपी सवाल खड़े कर रही है कि इतने बड़े हमले के बाद आखिर कहां हैं गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे.
आधिकारिक तौर पर गृह मंत्री विदेश में हैं, लेकिन क्या शिंदे को छुट्टी कैंसिल नहीं करनी चाहिए थी.
दरअसल, गृह मंत्री 19 मई को ही ऑफिसियल टूर पर अमेरिका गए थे. उनके साथ 12 अधिकारियों का दल भी गया था. शिंदे आंतरिक सुरक्षा पर बातचीत के लिए अमेरिका गए थे जो 22 को ही खत्म हो गई. शिंदे के साथ गए सारे लोग 25 मई को ही लौट आए. लेकिन गृह मंत्री वहीं रह गए.
बताया जा रहा है कि शिंदे 30 मई को वापस आएंगे. लेकिन सवाल ये है कि क्या नक्सली हमले के बाद शिंदे को वापस नहीं आना चाहिए था.
अमेरिका से लेकर ब्रिटेन तक जब देश पर कोई संकट आता है तो वहां के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दुनिया में कहीं भी हों, तुरंत लौट जाते हैं. लेकिन जब अपने भारत में छत्तीसगढ़ लहूलुहान है, गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे अमेरिका में बैठे हैं. दरअसल, ये पहला मौका नहीं है, जब शिंदे अपनी ही गलतियों के चलते विवाद में हैं.
गृहमंत्री और गलतियों की अनंतकथा!
मार्च 2013- संसद में भंडारा रेप केस में नाबालिग लड़कियों का नाम ले लिया, फिर खेद जताया.
फरवरी 2013- अफजल गुरु को फांसी की जानकारी उनके घरवालों को स्पीड पोस्ट से देने के मामले में विवाद में आए क्योंकि अफजल के घरवालों को वो स्पीड पोस्ट देर से मिला.
जनवरी 2013- बीजेपी और संघ से जुड़े आतकंवाद के कैंप वाले बयान पर विवाद.
दिसंबर 2012- एक महीने में तेलंगाना पर फैसले का बयान देकर अपनी ही पार्टी को परेशानी में डाला.
दिसंबर 2012- आतंकी हाफिज सईद के लिए 'श्री' शब्द का इस्तेमाल कर विवाद में आए.
सितंबर 2012- कोयला घोटाले पर बोले- ऐसे विवाद आते और चले जाते हैं, पब्लिक सब भूल जाती है.
अगस्त 2012- असम हिंसा पर जया बच्चन से कहा- ये कोई फिल्मी मुद्दा नहीं है, फिर खेद जताया.