गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि भाकपा माओवादी अलगाववादियों तथा आतंकवादी तत्वों से साठगांठ का प्रयास कर नयी चुनौतियां पेश कर रहे हैं.
अपने प्रभाव का विस्तार कर रहे हैं माओवादी
खुफिया ब्यूरो द्वारा आयोजित राज्यों के पुलिस प्रमुखों के तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए चिदंबरम ने कहा कि माओवादी अपने प्रभाव और नेटवर्क का विस्तार करने के प्रयास में जुटे हैं. गृह मंत्री ने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए आतंकवाद तथा कुछ राज्यों में वामपंथी उग्रवाद और अतिवाद जैसे स्रोतों से कई खतरे हैं.
वामपंथ का यह कट्टर चेहरा है
वामपंथी उग्रवाद के बारे में उन्होंने कहा कि यह वामपंथ का कट्टर चेहरा है. पुरानी पड़ चुकी इस विचारधारा का अनुसरण करने वाले कई संगठनों के आज 20 राज्यों में अपने अपने प्रभाव क्षेत्र हैं. उन्होंने कहा कि प्रतिबंधित भाकपा माओवादी 17 राज्यों में मौजूदगी और नक्सल हिंसा में 90 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सबसे मजबूत नक्सल संगठन है.
आतंकी संगठनों से माओवादियों की सांठगांठ
चिदंबरम ने कहा कि अपना प्रभाव और नेटवर्क बढाने की कवायद में माओवादी देश के अलगाववादी और आतंकवादी तत्वों से सांठगांठ कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उसकी पूर्वोत्तर के उग्रवादी संगठनों से विचारधारात्मक और रणनीतिक समझ कायम हो रही है. चिदंबरम ने कहा कि नक्सल हिंसा प्रभावित राज्यों के 223 जिलों में 2000 थानाक्षेत्र इस समस्या से आंशिक रूप से या काफी हद तक प्रभावित हैं. उन्होंने कहा कि 13 राज्यों में 90 जिलों के 200 थानाक्षेत्रों में नक्सल हिंसा सबसे अधिक नजर आती है.