मराठा आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा के लिए महाराष्ट के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई. इसमें सभी दलों के नेताओं ने मराठा आरक्षण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. इस मुद्दे पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने को लेकर भी चर्चा की गई.
सर्वदलीय बैठक करने के बाद महाराष्ट के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने अपील की कि स्थिति शांतिपूर्ण होनी चाहिए और कोई भी सख्त कदम नहीं लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट जमा करने के लिए पिछड़ा आयोग से अनुरोध किया गया है और फिर हम विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएंगे. उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण पर सभी दलों का एक ही विचार है और हमने इस मामले पर सर्वसम्मति से खड़े होने का फैसला किया है.
महाराष्ट्र के सीएम ने कहा कि मैंने डीजीपी को निर्देश दिया है कि लोगों के खिलाफ दर्ज मामले, विरोध-प्रदर्शन में भाग लेना, वापस लेना चाहिए. केवल पुलिसकर्मियों पर हमला करने जैसे गंभीर मामले, आग लगने आदि में शामिल होना वापस नहीं लिया जाएगा.
बता दें कि इस हफ्ते महाराष्ट्र ने मराठा समूहों द्वारा बंद के दौरान व्यापक पैमाने पर हिंसा देखी. मराठा समूह सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 16 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे हैं.
सीएम फडणवीस ने कहा कि सरकार ने मराठा आरक्षण के लिए कानून तैयार किया था लेकिन हाईकोर्ट ने उसपर स्टे लगा दिया. हमने महसूस किया कि यह एक विशेष स्थिति है और आरक्षण केवल पिछड़ा आयोग की सिफारिश पर दिया जा सकता है. दुर्भाग्यवश, आयोग के पहला अध्यक्ष का निधन हो गया, हमने एक नया अध्यक्ष नियुक्त किया और इसमें समय लगा.
उन्होंने कहा कि अगर कॉलेजों की कोई व्यावहारिक समस्या है तो उसपर सहयोग करने के लिए हम तैयार हैं, लेकिन यदि वे जानबूझकर शुल्क रियायतों पर मराठा छात्रों को परेशान करने का प्रयास करते हैं, तो शिक्षा विभाग उनके पंजीकरण को रद्द कर देगा.
बता दें कि सूबे में मराठा आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे पर विचार करने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाने का फैसला लिया था.
मराठा आरक्षण को लेकर 5 विधायक दे चुके हैं इस्तीफा
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अब तक महाराष्ट्र के पांच विधायक इस्तीफा दे चुके हैं. महाराष्ट्र विधानसभा के सूत्रों ने बताया कि भरत भाल्के (कांग्रेस), राहुल अहेर (बीजेपी) और दत्तात्रेय भारणे (राकांपा) ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है.
इससे पहले हर्षवर्धन जाधव (शिवसेना) और भाऊसाहब पाटिल चिकटगांवकर (राकांपा) ने आरक्षण की मांग के समर्थन में इस्तीफा देने की पेशकश की थी. जाधव ने विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय को अपना इस्तीफा पत्र सौंपा. चिकटगांवकर ने कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को ईमेल के जरिए भेज दिया.