भारत का मंगलयान (मार्स ऑर्बिटर) पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकलने की पांचवी और आखिरी प्रक्रिया पूरी कर चुका है. शुक्रवार देर रात मंगलयान के रिमोट प्वाइंट को 1.92 लाख किलोमीटर तक उठा दिया गया.
इसरो ने बताया कि यह प्रक्रिया भारतीय समय के मुताबिक, शुक्रवार देर रात 1:27 बजे शुरू हुई और 243.5 सेकंड के बर्न टाइम के साथ रिमोट प्वाइंट को 1,18,642 किलोमीटर से 1,92,874 किलोमीटर पर उठा दिया गया.
इसरो को अंतरिक्ष यान को कक्षा से बाहर निकालने के लिए पांच निश्चित अभियानों में चौथे अभियान के बाद एक सप्लीमेंट्री ऑपरेशऩ भी करना पड़ा.
अब मंगल अभियान के लिए 1 दिसंबर का दिन काफी अहम होगा, जब रात करीब 12 बजकर 42 मिनट पर इसका 'ट्रांस-मार्स इंजेक्शन' किया जाएगा. मंगलयान 10 महीने से ज्यादा के सफर के बाद 24 सितंबर, 2014 को मंगल की कक्षा में पहुंचेगा.
इसरो के पीएसएलवी सी-25 ने 1350 किलो के मंगलयान (मार्स ऑर्बिटर) को 5 नवंबर को श्रीहरिकोटा से दोपहर 2:38 पर लॉन्च किया गया था. लॉन्चिंग के करीब 44 मिनट बाद इसे पृथ्वी की कक्षा में भेज दिया गया था. यह 450 करोड़ रूपए की लागत वाला अभियान है.