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मारुति की हड़ताल से कंपनी को घाटा लेकिन चाय वाले को फायदा

मारुति सुजुकी इंडिया के मानेसर संयंत्र में कर्मचारियों की हड़ताल से भले ही कंपनी का नुकसान दिनों दिन बढ़ता जा रहा है, संयंत्र के सामने चाय की ठेली लगाने वाले दुकानदार नानग राम मीना का कारोबार काफी बढ़ गया है.

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मारुति हड़ताल
मारुति हड़ताल

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मारुति सुजुकी इंडिया के मानेसर संयंत्र में कर्मचारियों की हड़ताल से भले ही कंपनी का नुकसान दिनों दिन बढ़ता जा रहा है, संयंत्र के सामने चाय की ठेली लगाने वाले दुकानदार नानग राम मीना का कारोबार काफी बढ़ गया है.

अलवर के बाशिंदे मीना खाने की थाली बेचा करते हैं. मानेसर संयंत्र में हड़ताल से पहले उन्हें रोजाना 600 से 800 रुपये की कमाई होती थी, लेकिन मांग बढ़ने के साथ उन्होंने कारोबार की योजना बदल डाली.

मीना ने कहा, ‘समोसे की मांग थाली से काफी अधिक है. थाली में चार रोटियां और सब्जी होती है और एक थाली मैं 25 रुपये में बेचता हूं.. समोसे की जबरदस्त मांग को देखते हुए मैंने थाली बेचनी बंद कर दी है.’ उन्होंने कहा, ‘मानेसर संयंत्र में हड़ताल के बाद से इन दिनों दुकान पर कर्मचारियों का तांता लगा है और मेरी रोजाना की बिक्री 1,500 रुपये तक चली गई है जिससे मैं नौकरों को देने के बाद बड़े आराम से रोज 300 से 400 रुपये बचा लेता हूं.’

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संयंत्र में हड़ताल से पहले मीना को दुकानदारी में नुकसान उठाना पड़ रहा था क्योंकि उन्हें प्रतिदिन करीब 150 से 200 रुपये की बचत होती थी जो उनके चार नौकरों की दिहाड़ी के लिए नाकाफी था. उन्होंने कहा, ‘नौकरों को देने के बाद मेरे पास कुछ नहीं बचता था.’

मीना अलवर में किसी जमाने में कपड़ा बेचा करते थे और कारोबार में नुकसान होने पर उन्हें काफी कठिन दौर से गुजरना पड़ा. उन्होंने प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत कर्ज लिया, लेकिन जमीन खरीदने.बेचने के कारोबार में उतरने के बाद वह घाटे में चले गए. लेकिन जिस तरह से उनकी चाय-समोसे की दुकान चल पड़ी है, उसे देखते हुए अब उनके चेहरे पर मुस्कान फिर से लौट आई है.

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