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मथुरा में मुसलमान करेंगे गायों की रक्षा

'गाय हमारी माता है' यह हम बचपन से पढ़ते सुनते आ रहे हैं लेकिन समाज में जहां इसकी उपयोगिता को देखते हुए इसकी पूजा की जाती है तो वहीं दूसरी ओर गौकशी भी होती है. देश में इसको लेकर बहस और विवाद होते रहे हैं लेकिन इन सब के बीच एक खबर यह भी है कि मथुरा के मुस्लिम समाज के लोगों ने अब गौरक्षा का संकल्प लिया है.

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'गाय हमारी माता है' यह हम बचपन से पढ़ते सुनते आ रहे हैं लेकिन समाज में जहां इसकी उपयोगिता को देखते हुए इसकी पूजा की जाती है तो वहीं दूसरी ओर गौकशी भी होती है. देश में इसको लेकर बहस और विवाद होते रहे हैं लेकिन इन सब के बीच एक खबर यह भी है कि मथुरा के मुस्लिम समाज के लोगों ने अब गौरक्षा का संकल्प लिया है.

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यमुना रक्षक दल के आह्वान पर मुस्लिम समाज के लोगों ने विश्वास दिलाया कि ब्रज में वैसे भी कोई मुसलमान गौकशी को बढ़ावा नहीं देता, और अब जब पूरा समाज गायों की रक्षा के लिए एकजुट हो रहा है तो मुस्लिम भी इसमें पीछे नहीं रहेंगे. उन्होंने मथुरा सहित ब्रज में गौकशी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का संकल्प लिया.

अभियान के प्रेरणास्रोत बरसाना के मान मंदिर सेवा संस्थान के संत रमेश बाबा ने रविवार को इस्लामिया इण्टर कॉलेज में आहूत जनसभा में सैकड़ों हिन्दू-मुस्लिमों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में तो मुगल काल में भी गौकशी नहीं हुई.

उन्होंने इस संबंध में तत्कालीन बादशाह अकबर द्वारा जारी एक फरमान का उल्लेख करते हुए कहा कि उसने अपने राज्य में गौकशी पर स्पष्ट प्रतिबंध लगा रखा था, किंतु अंग्रेजों ने भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ (खेती) को नुकसान पहुंचाने की गरज से जगह-जगह गौकशी के कत्लगाह खुलवा दिए. इस प्रकार अंग्रेजों ने भारतीय समाज का दुतरफा नुकसान किया और हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे को छिन्न-भिन्न करने का कार्य किया.

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गौरतलब है कि रमेश बाबा पिछले एक दशक से अधिक समय से ‘माताजी गौशाला’ नाम की गौशाला का संचालन कर रहे हैं जिसमें ब्रज चौरासी कोस क्षेत्र की पांच हजार से अधिक बेसहारा, अशक्त, बीमार एवं लाचार गायों का भरण पोषण किया जा रहा है.

इस अवसर पर मुस्लिम समाज के कुछ प्रतिनिधियों ने गायों की वर्तमान दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि गोपाल की नगरी में मथुरा-वृंदावन की सड़कों पर जब गाएं गंदगी में मुंह मारती हुई दिखतीं हैं तो बहुत दुख होता है. हमें किसी भी प्रकार इस स्थिति को बदलने के प्रयास करने होंगे. सम्मेलन में यमुना रक्षक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं यमुना मुक्ति आंदोलन के अगुआ बाबा जयकृष्ण दास, सम्मेलन के संयोजक अब्दुल जब्बार, बीजेपी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव रियाजुद्दीन कुरैशी, मान मंदिर के अध्यक्ष रमाकांत शास्त्री, रालोद के पूर्व प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ. मोहम्मद युनूस कुरैशी, कायम कुरैशी, छोटे कुरैशी आदि सामाजिक एवं राजनीतिक नेताओं ने भी विचार व्यक्त किए.

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