मथुरा में जवाहरबाग की जमीन पर अवैध कब्जा हटाने के दौरान हुई हिंसा के दौरान मुख्य आरोपी रामवृक्ष यादव भी मारा गया था. इसकी पुष्टि उत्तर प्रदेश के डीजीपी जावीद अहमद ने की. जावीद ने ट्वीट कर रामवृक्ष के मारे जाने की खबर दी.
'आज तक' से बातचीत में डीजीपी ने की पुष्टि
यूपी के डीजीपी जावीद अहमद ने आज तक से बातचीत में बताया कि मथुरा के एसपी ने रामवृक्ष के मारे की पुष्टि कर दी है और इस बाबत उन्हें जानकारी दी. डीजीपी ने कहा कि हिंसा के दौरान गिरफ्तार रामवृक्ष के साथियों ने शव को पहचान लिया है. इसके साथ रामवृक्ष के मारे जाने की खबर गाजीपुर में उसके परिवार वालों को दे दी गई है.
कुछ और शवों की भी हुई शिनाख्त
साथ ही डीजीपी ने बताया कि और 3-4 शव की शिनाख्त हुई है. जिसमें एक कुशीनगर के रहने वाला का है और एक बिहार बेतिया के निवासी का है. इनके घरवालों को भी पुलिस ने सूचित कर दिया है.
हिंसा के दौरान दो पुलिसवाले हुए थे शहीद
मथुरा के जवाहरबाग गुरुवार को सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने गई पुलिस टीम पर उपद्रवियों ने फायरिंग कर दी थी. इस फायरिंग में SP सिटी मुकुल द्विवेदी और SO संतोष कुमार यादव समेत 24 लोगों को मौत हो गई. साथ ही कई पुलिसकर्मी घायल भी हो गए. हिंसा के बाद घटनास्थल से 315 बोर के 45 हथियार और दो 12 बोर के हथियार बरामद किए गए. कार्रवाई के दौरान पुलिस ने 47 पिस्टल और पांच राइफल भी बरामद की. अब इसी हिंसा के दौरान इस मामले के मास्टरमाइंट रामवृक्ष यादव के मारे जाने की भी पुष्टि हो गई.
ऐसे हुआ मौत का तांडव
दरअसल पूरा मामला मथुरा के जवाहरबाग में 280 एकड़ जमीन पर कब्जे से जुड़ा है. इस पर सत्याग्रही संस्था ने अवैध कब्जा कर लिया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका के बाद अदालत ने आदेश पारित किया और आदेश दिया कि जल्द से जल्द अतिक्रमण की गई जमीन को खाली करें. कोर्ट ने अपने आदेश को लागू करने के लिए पुलिस को निर्देश पारित किया. पुलिस अतिक्रमण हटाने गई थी, जिस पर सत्याग्रहियों ने हमला बोल दिया. इसमें दो पुलिस अफसरों सहित करीब 24 लोग मारे गए और कई लोग जख्मी हैं.