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मायावती ने फिर पहनी नोटों की माला, माला में 18 लाख रुपये

बुधवार को बसपा कार्यकर्ताओं ने एक बैठक में मायावती को पुन: 18 लाख रुपये की माला भेंट करते हुए यह भी कहा कि अब भविष्य में बसपा कार्यकर्ता बसपा सुप्रीमो का स्वागत फूलों की मालाओ से नहीं नोटों की मालाओं से करेंगे.

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बहुजन समाज पार्टी की रजत जयंती पर आयोजित महारैली में बसपा सुप्रीमो मायावती को एक-एक हजार रुपये के नोटों से गुंथी माला पहनाये जाने के बाद बुधवार को तीसरे दिन बसपा कार्यकर्ताओं ने एक बैठक में मायावती को पुन: 18 लाख रुपये की माला भेंट करते हुए यह भी कहा कि अब भविष्य में बसपा कार्यकर्ता बसपा सुप्रीमो का स्वागत फूलों की मालाओ से नहीं नोटों की मालाओं से करेंगे.

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बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा पार्टी कार्यालय में पार्टी के सांसदों, विधायकों और मंत्रियों की बैठक में प्रदेश के सभी 18 मंडलों के बसपा कार्यकर्ताओं ने एक एक लाख रुपये एकत्र कर मुख्यमंत्री मायावती को 18 लाख रुपये के नोटों से गुंथी एक और माला पहनाकर स्वागत किया. बैठक मे मौजूद लोक निर्माण मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने संवाददाताओं को बताया कि महारैली को विफल करने के लिए विपक्षी दलों ने अपनी पूरी ताकत लगा दी थी जब रैली सफलता पूर्वक हो गयी तो विपक्ष ने नोटो की माला को मुद्दा बनाकर तिल का ताड़ बनाने का प्रयास किया जो दुर्भाग्यपूर्ण है.

उन्होंने कहा कि यह बात भी सर्वविदित है कि बहुजन समाज पार्टी बुधवार जिस मुकाम पर पहुंची है उसके पीछे कार्यकर्ताओं के इसी तरह के आर्थिक सहयोग और चंदे का ही हाथ है. नसीमुद्दीन ने कहा कि यह बात भी जगजाहिर है कि बसपा के स्थापना काल से ही पार्टी कार्यकर्ता कांशीराम और मायावती के कार्यक्रमों को आयोजित कर कभी उनके वजन के बारबर या उम्र के लिहाज से इसी तरह आर्थिक सहयोग देते रहे है.

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सिद्दीकी ने कहा कि विपक्षी दलों द्वारा महारैली में पहनायी गयी नोटो की माला को लेकर की जा रही आलोचना से क्षुब्ध कार्यकर्ताओं ने यह भी निर्णय लिया है कि अगर पार्टी सुप्रीमो मायावती अनुमति देंगी तो भविष्य में बसपा कार्यकर्ता उनका स्वागत फूल मालाओं से न कर नोटों की मालाओं से ही करेगे और बुधवार को भेंट की गयी 18 लाख की माला विपक्ष की आलोचना का जवाब है.

उन्होंने कहा कि विपक्षी दल बसपा को अपनी तरह न समझे, ये दल बड़े बडे उद्योगपतियों और धन्ना सेठों से चोरी छिपे पैसा लेते हैं और अपनी पार्टी चलाते है तथा चुनाव लड़ते है. बसपा शुरू से ही पार्टी कार्यकर्ताओं के आर्थिक सहयोग और चंदे से ही चलने वाली पार्टी है और चुनाव भी लड़ती रही है और यही पार्टी की ताकत भी है. सिद्दीकी ने कहा कि बसपा सुप्रीमो को भेंट की गयी नोटो की माला विपक्ष को रास नही आयी और उसे लगने लगा जो पैसा कार्यकर्ता देंगे वह वोट भी देंगे इससे विपक्षी दलो की नींद उड़ गयी और बसपा तथा ये दल बसपा सुप्रीमो को बदनाम करने की मुहिम चलाये हुए हैं.

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