अयोध्या विवाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच का फैसला आने के बाद यूपी की मुख्यमंत्री मायावती ने जनता से सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की है.
मायावती ने इस फैसले के मद्देनजर विवादित परिसर की सुरक्षा के बारे में स्थिति स्पष्ट की. उन्होंने कहा कि इस परिसर की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है. उन्होंने इस मसले पर प्रधानमंत्री को एक पत्र भी लिखा है.
मायावती ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि प्रदेश में किसी को भी कानून-व्यवस्था भंग करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. शांति व भाईचारा के माहौल को खराब करने वाले तत्वों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब है कि अयोध्या विवाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सुन्नी वक्फ बोर्ड का दावा 2-1 से खारिज कर दिया. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि विवादित स्थान से रामलला की मूर्ति हटाई नहीं जाएगी. मूर्ति पर किसी का अधिकार नहीं रहेगा और वह आमजन की होगी.
जजों ने माना कि विवादित जगह भगवान राम की जन्मभूमि है और वह जगह हिन्दुओं की दी जाएगी. कोर्ट ने तीनों पक्षों को बराबर-बराबर हिस्सेदारी देने की बात कही है. एक हिस्सा निर्मोही अखाड़े को, दूसरा मुसलमानों को और तीसरा हिस्सा हिंदुओं को देने की बात कही गई है.{mospagebreak}इस बीच सुन्नी वक्फ ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का निर्णय किया है. बोर्ड का कहना है कि वह इस फैसले से पूरी तरह संतुष्ट नहीं है. वकीलों रविशंकर प्रसाद और के. एन. भट्ट ने दावा किया कि अयोध्या में विवादित स्थल पर तीन महीने तक यथास्थिति बहाल रखी जाएगी.