बसपा प्रमुख मायावती ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि वे मध्य प्रदेश और राजस्थान में किसी भी कीमत पर कांग्रेस से गठबंधन नहीं करेंगी. उनका ये फैसला अचानक यूं ही नहीं आया. दरअसल कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का एक बयान आज आया, जिससे मायावती बुरी तरह खफा हो गईं.
दरअसल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने एक समाचार चैनल से इंटरव्यू में इशारों में कहा था कि मायावती पर सीबीआई और ईडी का दबाव है, जिसकी वजह से वह कांग्रेस के साथ नहीं आ रही हैं. उन्होंने कहा कि वह मायावती का सम्मान करते हैं और उनकी मजबूरी भी समझते हैं. साथ ही उन्होंने कहा था कि मध्य प्रदेश में गठबंधन की जिम्मेदारी कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया की है.
दिग्विजय सिंह की ये बात मायावती को चुभ गई. उन्होंने आज शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर न सिर्फ गठबंधन से खुद को अलग किया, बल्कि दिग्विजय सिंह को बीजेपी का एजेंट तक कह डाला. मायावती ने दिग्विजय सिंह पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि वे बीजेपी के एजेंट हैं. दिग्विजय कहते हैं मायावती पर केंद्र से दबाव है जिसके चलते वे गठबंधन नहीं कर रही हैं. उनका ये बयान पूरी तरह आधारहीन है.
दिग्विजय के अलावा उन्होंने कुछ अन्य नेताओं की ओर भी इशारा किया. मायावती ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी बीएसपी से गठबंधन करने में पूरी तरह ईमानदारी दिखा रहे, लेकिन कुछ कांग्रेस नेता इसे नहीं होने देना चाहते.
उन्होंने कहा कि दिग्विजय जैसे नेता नहीं चाहते कि कांग्रेस-बीएसपी में गठबंधन हो. मायावती ने दिग्विजय के बाद कांग्रेस पर हमला किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस समझती है कि वो बीजेपी को अकेले ही हरा देगी, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है. लोग कांग्रेस को उनकी गलतियों और भ्रष्टाचार की सजा देंगे.
मायावती के इस फैसले का असर न सिर्फ आसन्न विधानसभा चुनावों में दिखेगा, बल्कि 2019 में होने वाले आम चुनाव के समीकरणों पर भी रहेगा. कांग्रेस समेत कई दल मिलकर 2019 में मोदी का मुकाबला करने के लिए महागठबंधन बनाने का दंभ भर रहे हैं, लेकिन मायावती का ये फैसला इस पर भारी पड़ सकता है.
वहीं कांग्रेस ने डैमेज कंट्रोल करते हुए मायावती के इस फैसले पर कहा कि उन्होंने ये बयान गुस्से में दिया है. इसे तूल नहीं देना चाहिए. कांग्रेस प्रवक्ता रनदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस नेता के बारे में की गई प्रतिकूल टिप्पणी हम सही नहीं समझते, पर गुस्से में भावनाओं में की गई टिप्पणी को इतना तूल नहीं देना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर मायावती जी को राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर यकीन है तो बाकी समस्याओं को निपटा लिया जाएगा.