बुधवार को उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी की मुखिया मायावती पत्रकारों के सामने आई तो थीं तेलंगाना राज्य का स्वागत करने और यूपी के चार हिस्सों में विभाजन की मांग के लिए. मगर मसला राज्य की कानून व्यवस्था औऱ मायावती पर अखिलेश की आलोचना की तरफ बढ़ गया. तब मायावती ने अखिलेश को कहा कि पहले अपने बाप मुलायम सिंह को यूपी छोड़कर जाने के लिए कहो, तब मुझसे कहना कि यूपी छोड़ दो.
ये थी अखिलेश की मायावती को सलाह
दरअसल कुछ रोज पहले यूपी की बुरी कानून व्यवस्था की बीएसपी सुप्रीमो ने आलोचना की थी. तब यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था कि जिन्हें यूपी में डर लग रहा है, वे सूबा छोड़कर चले जाएं. इस पर आज मायावती बोलीं कि अगर अखिलेश को याद हो तो कुछ दिनों पहले उनके बाप श्री मुलायम सिंह यादव ने यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए थे और सीएम को नसीहत दी थी कि वे बिहार के मुख्यमंत्री से सीख लें. तो अगर अखिलेश को राज्य छोड़कर जाने के लिए कहना है तो पहले मुलायम सिंह को कहें.
यूपी के विभाजन पर जबानी जमाखर्च से काम नहीं चलेगा
एक नए राज्य तेलंगाना के गठन का स्वागत करते हुए मायावती ने बीएसपी की यूपी को चार हिस्सों में बांटने की मांग दोहराई. मायावती ने अपने शासनकाल के आखिरी महीनों में विधानमंडल में पारित कर यूपी के बंटवारे का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था.मगर केंद्र सरकार ने अब तक इस पर कोई पहल नहीं की है. मायावती सरकार का प्रस्ताव था कि यूपी को हरित प्रदेश, अवध प्रदेश, पूर्वांचल और बुंदेलखंड में बांट दिया जाए. इस पर बात करते हुए आज मायावती बोलीं कि कई विरोधी दल सिर्फ बयानबाजी कर काम चला रहे हैं. मेरी उन्हें सलाह है कि हवाई बयानबाजी न करें और केंद्र पर दबाव बनवाएं.उन्होंने यह भी कहा कि यूपी को बड़े राज्य के रुतबे के भ्रम में नहीं पड़ना चाहिए. अगर सूबा बंट जाएगा तो यूपी की जनता का ज्यादा विकास होगा.
जनता ही नहीं अब अधिकारी भी डरे
मायावती ने प्रदेश की बुरी कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि सपा के गुंडा राज में पहले लोग डरे हुए थे, अब निष्ठावान अधिकारी भी डरे हुए हैं. ग्रेटर नोएडा में खनन माफिया पर कार्रवाई के चलते निलंबित की गई आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल का जिक्र करते हुए मायावती ने कहा कि दुर्गा का मामला इस बात का उदाहरण है कि राज्य में गुंडा राज है. उन्होंने कहा कि हम राज्यपास से मिलकर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की मांग करेंगे.साथ ही उनसे अनुरोध करेंगे कि दुर्गा शक्ति को न्याय दिया जाए.