सीबीआई के दो टॉप अफसरों के बीच घमासान के मामले में बहुजन समाजवादी पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने केंद्र की मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. मायावती ने अपने बयान में कहा है कि सरकारी तंत्र का दुरुपयोग पहले भी खतरनाक साबित हुआ है और अब सीबीआई अफसरों का एक-दूसरे पर आरोप लगाना देश के लिए चिंता की बात है. इसके लिये पूरी तरह से केंद्र की मोदी सरकार जिम्मेदार है.
मायावती ने कहा कि इस मामले मे सुप्रीम कोर्ट के दखल से ही बात संभलेगी. अब तक सुप्रीम कोर्ट की तरफ से किये गये हस्तक्षेप का भी मायावती ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि ऐसा करने से सीबीआई की वर्तमान कार्यप्रणाली के साथ-साथ इन मामलों में सेन्ट्रल विजिलेंस कमीशन की भूमिका पर भी कोर्ट को विचार करने का मौका मिलेगा.
केंद्र सरकार सरकारी मशीनरी का कर रही दुरुपयोग
मायावती ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस सरकार ने नीरव मोदी, विजय माल्या, मेहुल चौकसी व राफेल मामले की जांच तो नहीं करवाई लेकिन सरकारी मशीनरी का भाजपा विरोधियों के खिलाफ इस्तेमाल जरूर किया है. इससे सरकारी संस्थाओं के प्रति जनता का भरोसा कमजोर हुआ है. सरकार का ये रवैया ये दिखाता है कि किस तरह से केंद्र सरकार, सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करती है.क्या है मामला?
गौरतलब है कि सीबीआई ने राकेश अस्थाना और कई अन्य के खिलाफ कथित रूप से मीट कारोबारी मोइन कुरैशी की जांच से जुड़े सतीश साना नाम के व्यक्ति के मामले को रफा-दफा करने के लिए घूस लेने के आरोप में FIR दर्ज की थी. इसके एक दिन बाद डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया. इस गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को सीबीआई ने अस्थाना पर उगाही और फर्जीवाड़े का मामला भी दर्ज किया.
सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच छिड़ी इस जंग के बीच, केंद्र ने सतर्कता आयोग की सिफारिश पर दोनों अधिकारियों को छु्ट्टी पर भेज दिया. और जॉइंट डायरेक्टर नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बना दिया गया. चार्ज लेने के साथ ही नागेश्वर राव ने मामले से जुड़े 13 अन्य अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया.