संपादक प्रभु चावला ने आजतक के सीधी बात कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा-जोशी से बात की. कुछ अंशः
आप कांग्रेस में क्यों शामिल हुईं?
मैं राजीव जी और सोनिया जी की हमेशा से फैन थी. मेरी पृष्ठभूमि सेकुलर है. 1920 से मेरे नानाजी के जमाने से हम धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के लिए लड़ रहे हैं. मैं मुलायम सिंह जी के साथ सिर्फ 11 महीने रही, जैसे ही सोनिया जी आईं मैं वापस कांग्रेस में चली आई.
खुद को अथॉरिटी में लाने के लिए आपने मायावती पर आक्रमण कर दिया.
मायावती की सरकार पूरी तरह भ्रष्ट है. लोकसभा चुनावों में माफियाओं को खोज-खोजकर टिकट दिए गए. उनकी सोच उनके निर्माण कार्य में झलकती है. उनका ऑर्किटेक्चर उनके अंदर की असुरक्षा की भावना को स्पष्ट करता है. लोगों से वे पूरी तरह कटी हुई हैं.
उनका कहना है, जब गांधी परिवार के नाम पर हजारों मूर्तियां हैं तो कांशीराम के नाम पर दिक्कत क्यों?
जिस पैसे से सड़कें बननी हैं, जिनसे रोजगार आना है, उस पैसे का उपयोग सही जगह होना चाहिए. अपनी जिंदगी में तो किसी ने भी अपनी मूर्ति नहीं लगाई. मायावती कहती हैं कि दलितों को आत्मसम्मान मिले. बाबा आंबेडकर की मूर्ति किताब लेकर खड़ी होती है, जबकि हमारी बहनजी बैग लेकर खड़ी होती हैं. ऐसा करके वे क्या दिखलाना चाहती हैं?
अगर कांशीराम जिंदा होते तो उनको ऐसा नहीं करने देते?
कांशीराम के सामने एक मिशन था कि हम समानता लाएं, लेकिन उन्होंने आदमी गलत चुन लिया.
आप ब्राह्मणों की भाषा बोल रही हैं, उन्हें कभी दलित नेता पसंद नहीं होते.
चार बार जो मुख्यमंत्री रही हों, नेताओं में सबसे ज्यादा टैक्स देती हों, इतनी मजबूत हों कि रोज कई आइएएस-आइपीएस अधिकारियों को तबादला कर देती हों, वे बेचारी नहीं हो सकतीं.
जब जनता ने उनको चुना तो कुछ तो उनमें देखा होगा.
जिस व्यक्ति ने मेरा घर जलाया उसे उन्होंने मंत्री बना दिया. एक मुख्यमंत्री को न्यायप्रिय होना चाहिए. सात-आठ लोग उनके चारों ओर घूमते हैं, वहीं उनको गवर्न करते हैं.{mospagebreak}
आपसे उनको जान का खतरा होगा.
एक राष्ट्रीय पार्टी की अध्यक्ष का घर उनके कहने पर पुलिस ने जला दिया. आपको लग रहा है कि वे हमसे डर रही हैं?
वो तो एनएसजी मांग रही हैं जो आपकी सरकार के पास है. आपका विरोध क्या वैचारिक है, जातिगत नहीं है?
समाज में जब छुआछूत चरम पर था तो मेरे पिता हेमवतीनंदन बहुगुणा जी ने मुसलमान और दलित रसोइया रखा. मेरे माता-पिता के बाद मेरा कन्यादान करने वाले बाल्मीकि जाति से थे. कोई यह साबित कर दे कि मैंने और मेरे परिवार ने किसी जाति विशेष का अपमान किया है तो मैं आज ही राजनीति से संन्यास ले लूंगी. मैं मुख्यमंत्री से कोई जातिगत सोच से बात नहीं कर रही थी. महिलाओं की बैठक में एक महिला ने महिला मुख्यमंत्री की संवेदना को जगाने की कोशिश की. हां, शब्दावली गलत थी, लेकिन नीयत साफ थी.
आपकी पार्टी के विधायक दल के नेता प्रमोद तिवारी ब्राह्मण, राज्यपाल ब्राह्मण. क्या बाकी जाति के लोग अच्छे नहीं हैं?
कांग्रेस पार्टी में जाति को देखकर पद नहीं दिए जाते. मेरा एकदम मानना है कि एक महिला की कोई भी जाति नहीं होती. प्रमोद जी चुने गए नेता हैं, संसदीय दल से हैं.
जिस तरह से बयानबाजी हुई है कि अभी भी कांग्रेस पार्टी आपके साथ पूरी तरह से खड़ी नहीं हुई है.
जो एक शब्द था, मैंने भी उसके लिए क्षमा मांगी. मेरी नेता सोनिया जी ने एकदम सही बयान दिया कि मर्यादा नहीं लांघनी चाहिए. मुख्यमंत्री के निर्देश पर एक डीजीपी बलात्कार की शिकार 14 साल की महिला को 70,000 रु. देता है, बलात्कार की शिकार गूंगी-बहरी दलित लड़की को 25,000 रु. दिए जाते हैं. भीड़ इकट्ठा करके. यह नाटक क्यों हो रहा है? अगर एक बार मुख्यमंत्री चली जातीं, तो कितनी ही महिलाओं को ढाढस मिलता.
अभी दिल्ली में बलात्कार हुआ, राजस्थान में हुआ, कांग्रेस के कितने नेता उन मामलों में जाते हैं? आपने उसे राजनैतिक मसला बना लिया है.
जाते हैं. अगर जाते नहीं तो डीजीपी को बुलाकर, ड्रामा तो नहीं करते.
आपने केंद्र में किसी भी महिला को कैबिनेट मंत्री क्यों नहीं बनाया?
अगर मैं जीत जाती तो शायद मैं बन जाती (हंसते हुए).
यूपी में अभी तक जो विकास नहीं हुआ, जो नहीं हो रहा है, उसकी आप निगरानी क्यों नहीं करते?
केंद्र सरकार जो पैसे देती है उसकी निगरानी राज्य सरकार के हाथ में होती है. राज्य सरकार अगर भ्रष्ट है तो उसकी सही निगरानी कैसे होगी? आरटीआइ के 1,000 मामले बकाया हैं. ईमानदार पुलिस अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने, जिन्होंने मुख्तार अंसारी मामले में इस्तीफा दे दिया था, 1,000 अर्जियां डालीं. एक का भी जवाब नहीं मिला तो उन्होंने प्रदर्शन किया. यूपी पुलिस ने आधी रात को उनकी पत्नी के सामने घर का दरवाजा तोड़कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. मायावती जी ऐसा ही करती हैं.
मायावती कैसी मुख्यमंत्री हैं?
वे तानाशाह हैं, एकाधिकार में विश्वास करती हैं, अगर कोई उनकी थोड़ी भी आलोचना कर दे तो वे उसकी दुश्मन बन जाती हैं.