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मायावती ने तीन सरकारी बंगलों को मिलाकर बनाया महाबंगला

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्य मंत्री मायावती पर कांग्रेस सरकार कितनी मेहरबान है, इसका उदाहरण इस बात से मिलता है कि उन्हें दिल्ली के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र लुटियन्स जोन में तीन बंगले आवंटित कर दिए. उससे भी दिलचस्प बात यह है कि इन तीनों को मिलाकर एक विशाल महाबंगला बना दिया गया.

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यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्य मंत्री मायावती पर कांग्रेस सरकार कितनी मेहरबान है, इसका उदाहरण इस बात से मिलता है कि उन्हें दिल्ली के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र लुटियन्स जोन में तीन बंगले आवंटित कर दिए. उससे भी दिलचस्प बात यह है कि इन तीनों को मिलाकर एक विशाल महाबंगला बना दिया गया.

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समझा जाता है कि इस सुपर बंगले का कुल क्षेत्रफल लगभग 28,800 वर्ग फुट होगा और इतना बड़ा बंगला तो किसी भी मंत्री के पास नहीं है. केन्द्रीय मंत्रियों के बंगले अमूमन 4,800 वर्ग फुट के होते हैं और टाइप 8 का बंगला 8,250 वर्ग फुट का होता है. ऐसे ही तीन बंगले मिलाकर यह सुपर बंगला तैयार किया गया है. इन तीनों की चाहरदीवारी को तोड़कर इन्हें पूरी तरह मिला लिया गया है. टाइप 8 के बंगले में आठ बेड रूम, चार सर्वेंट क्वार्टर, दो गराज, आगे-पीछे लॉन होते हैं.

बंगलों को इस तरह मिलाना कानूनी तौर पर गलत है. इतना ही नहीं इनमें बड़े पैमाने पर अनाधिकृत निर्माण किए गए हैं. किचन, कमरे और टॉयलेट तो बनाए ही गए हैं, फाइबर शीट की छतें भी बनाकर जगह घेरी गई है.

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मायावती को नई दिल्ली के गुरद्वारा रकाबगंज क्षेत्र में तीन बंगले आवंटित किए गए हैं. रकाबगंज रोड पर बंगला नंबर 12, 14 और 16 उन्हें दिए गए हैं. इनमें से बंगला नंबर 14 और 15 के नाम हटा दिए गए हैं. दिलचस्प बात यह भी है कि मायावती को गुरद्वारा रकाबगंज रोड पर ही एक और सरकारी बंगला आवंटित किया गया है और वह है 4 नंबर.

आरटीआई एक्टिविस्ट सुभाष अग्रवाल ने सूचना के अधिकार के तहत इनके बारे में जानकारी मांगी थी. उन्हें बताया गया कि यह इकाई बहुजन प्रेरणा ट्रस्ट को दी गई थी और मायावती ही इस ट्रस्ट की देखभाल करती थीं. इसके तहत यह भी बताया गया है कि शहरी विकास मंत्रालय ने ट्रस्ट को यह महाबंगला आवंटित किया था. उसने ही तीनों बंगलों को मिलाने की अनुमति भी दी थी.

मायावती को बहुजन समाजवादी पार्टी का अध्यक्ष होने के नाते 4 गुरुद्वारा रकाब गंज रोड का बंगला दिया गया. इसमें भी अवैध निर्माण किया गया है. इसमें 145 वर्ग मीटर का एक अस्थायी स्ट्रक्चर बनाया गया है. इसके अलावा इसके परिसर की चाहरदीवारी को ऊंचा कर दिया गया है. इन दीवारों से सटाकर तीन या चार कमरे भी बनाए गए हैं.

सुभाष अग्रवाल ने इन तरह से हुए आवंटन के मामले पर जांच की मांग की है. उन्होंने यह भी पूछा है कि आखिर कैसे सीपीडब्लूडी ने इस अवैध आवंटन के खिलाफ आंखें बंद रखी. उन्होंने यह भी जानना चाहा है कि आवंटी ने कैसे तीन बंगलों को मिलाकर एक बना दिया. उन्होंने डायरेक्टरेट ऑफ एस्टेट के अधिकारियों के खिलाफ जांच की भी आवाज उठाई है जिन्होंने तीन बंगले मिलाकर एक महाबंगला बना दिया और उसे एक व्यक्ति को सौंप दिया जिसने वहां अवैध निर्माण किया.

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