उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने रायबरेली रेल कोच फैक्ट्री मामले पर अपने रुख में बदलाव लाते हुए यह जमीन फिर से रेलवे को सौंपे जाने की घोषणा की है. साथ ही उन्होंने कांग्रेस से इसे राजनीतिक रंग न देने को कहा है.
जमीन वापसी की घोषणा के बाद मायावती ने कहा कि वे विकास के रास्ते में बाधा नहीं बनना चाहती हैं. माया के 'यू टर्न' पर कांगेस ने खुशी जताते हुए कहा है कि पहले मायावती ने असंवैधानिक और तुगलकी कदम उठाया था, पर अब उन्होंने भूल सुधार ली है. इतना ही नहीं, पार्टी ने इस मसले पर मायावती को जनता से माफी मांगने को भी कहा है.
प्रदेश सरकार के फैसले के बाद 189 एकड़ अतिरिक्त जमीन 90 साल की लीज पर रेलवे को दिए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी इस परियोजना के लिए शुरू से ही काफी दिलचस्पी दिखाई है. परियोजना पर कुल 1689.25 करोड़ रुपये लागत आने का अनुमान है. इससे क्षेत्र के करीब 10 हजार लोगों को रोजगार मिल सकेगा.
गौरतलब है कि विवाद के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने गत सोमवार को प्रस्तावित रेल कोच कारखाने के मामले में यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए थे.