उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकपाल विधेयक को लेकर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया है. मायावती ने कहा कि कांग्रेस देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत तंत्र बनाने को लेकर गम्भीर नहीं है, क्योंकि इसके दायरे में सबसे अधिक उसके मंत्री ही आएंगे.
मायावती ने लखनऊ में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चाहे 2जी घोटाला हो या राष्ट्रमंडल खेल घोटाला या आदर्श सोसाइटी घोटाला, हर घोटाले में कांग्रेस तथा उसकी सहयोगी पार्टियों के नेता व मंत्रियों के नाम सामने आए हैं.
उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा उत्तर प्रदेश में सरकार ने लोकायुक्त की रिपोर्ट पर अधिक तत्परता से कार्रवाई की और इस क्रम में प्रभावशाली नेताओं को भी नहीं बख्शा. दूसरे राज्यों ने तो लोकायुक्त की रिपोर्ट को रद्दी की टोकरी में फेंकने का काम किया है. कनार्टक और दिल्ली इसके उदाहरण हैं.
उन्होंने लोकपाल पर आम सहमति की आवश्यकता भी जताई और कहा कि इसका गठन आम सहमति से तथा संघीय ढांचे के अनुकूल व संविधान का सम्मान करते हुए होना चाहिए. साथ ही इसमें सभी जातियों, धर्मो के लोगों को प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए.
मायावती ने कांग्रेस को चेतावनी भरे लहजे में दो टूक कहा कि यदि उनकी ये मांगें नहीं मानी जाती है तो बहुजन समाज पार्टी (बसपा) इसका विरोध करेगी. हम बुधवार को होने वाली सर्वदलीय बैठक में भी इस मुद्दे को उठाएंगे.