आज तक के खास कार्यक्रम सीधी बात में इंडिया टुडे के संपादक व इंडिया टुडे ग्रुप के संपादकीय निदेशक प्रभु चावला ने उत्तर प्रदेश की कांग्रेस की अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी से बात की. बातचीत के दौरान हाल ही में मायावती के खिलाफ कथित रूप से अभद्र टिप्पणी करने और उससे उपजे विवाद के विषय में रीता जोशी ने खुलकर बात की. पूरी बातचीत के दौरान रीता बहुगुणा ने उत्तर प्रदेश की सरकार और मुख्यमंत्री मायावती को खूब कोसा.
गौरतलब है कि पिछले दिनों मायावती के खिलाफ कथित रूप से अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में रीता जोशी को जेल की हवा खानी पड़ी थी. उसके बाद से उत्तर प्रदेश की राजनीति में तो जैसे भूचाल सा आ गया था. रीता ने कहा कि मायावती की सरकार पूरी तरह से भ्रष्ट और माफियावादी है. उन्होंने आरोप लगाया कि मायावती जेल से माफियाओं को निकालकर अपनी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़वा रही हैं. मायावती द्वारा राज्य की राजधानी लखनऊ और नोएडा में कराए जा रहे पार्कों के निर्माण पर सवाल उठाते हुए रीता बहुगुणा ने कहा कि मायावती के मन में असुरक्षा की भावना है. इसलिए वह खूबसूरत पार्कों का निर्माण करवा कर लोगों का ध्यान मूल विषयों और मुद्दो से भटकाना चाहती हैं.
जब उनसे पूछा गया कि मायावती का कहना है कि जब महात्मा गांधी और नेहरू परिवार के लोगों के नाम से स्मारक बन सकते हैं तो उनके नाम से क्यों नहीं, इस पर रीता ने कहा कि भारत में गांधी जी के साथ किसी की भी तुलना करना गलत है. उन्होंने मायावती पर आरोप लगाया कि सड़क बनाने के पैसे या सांस्कृतिक विकास के नाम पर मिल रहे पैसों का दुरुपयोग करके पार्क बनवाए जा रहे हैं. रीता ने यह भी कहा कि जिन पुराने महापुरुषों के नाम से स्मारक बने हैं उन्होंने खुद अपने लिए ना तो कोई स्मारक बनवाया था और ना ही जीते जी अपनी मूर्ति कहीं स्थापित करवाई थी.
उन्होंने यह भी कहा कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की मूर्ति से एक संदेश मिलता है क्योंकि उनकी मूर्ती के एक हाथ में किताब को दर्शाया जाता है, लेकिन मायावती की मूर्ति से कोई संदेश नहीं मिलता. उन्होंने कहा कि कांशीराम ने एक मिशन के साथ बहुजन समाज पार्टी की स्थापना की थी लेकिन उन्होंने अपने मिशन को आगे बढ़ाने के लिए गलत आदमी का चुनाव कर लिया. रीता का इशारा मायावती की तरफ था. उन्होंने कहा कि मायावती हर क्षेत्र में विफल हो गई हैं.
मायावती के साथ हालिया विवाद पर उन्होंने कहा कि वह विवाद मायावती ने खड़ा किया था क्योंकि मैंने कोई जातीसूचक टिप्पणी नहीं की थी बल्कि मैं जातिवाद में यकीन नहीं रखती. रीता ने स्वीकार किया कि उनकी जुबान गलत थी लेकिन नियत साफ थी. उन्होंने यह भी कहा कि अपने गलत शब्दों के लिए उन्होंने माफी भी मांग ली थी. रीता ने बहनजी पर बहनों के लिए कुछ नहीं करने का आरोप भी लगाया. उत्तर प्रदेश की सरकार को गैर जिम्मेदार बताते हुए रीता बहुगुणा ने कहा कि मायावती किसी तानाशाह से कम नहीं हैं और अगर कोई उनकी आलोचना करता है तो वो उसे अपना दुश्मन मानने लगती हैं. उन्होंने मायावती को उत्तर प्रदेश की सबसे खराब मुख्यमंत्री भी करार दिया.