दिल्ली के पूर्वी हिस्से में एमसीडी कर्मचारियों ने सैलरी न मिलने पर खासा बवाल खड़ा होता दिखाई पड़ रहा है. सरकार भले ही ऐसे दावे करे कि फंड दिया गया है लेकिन सड़कों पर केजरीवाल हाय-हाय के नारे लग रहे थे.
पिछले तीन महीने से नहीं मिली सैलरी
सड़कों पर नारे लगाती एमसीडी कर्मचारियों की इस बगावत के पीछे भूछ बड़ी वजह है. वे पिछले 3 महीने से सैलेरी से वंचित हैं. वे दिल्ली सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते देखे गए. इतना ही नहीं दिल्ली के विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल के घर के बाहर कूड़ा भी फेंका जा रहा है और सियासी दांवपेंच में फंसी सैलेरी के चलते उन्हें और सरकार को उलाहना भी दी जा रही है.
उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने किया ट्वीट
दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस मसले पर ट्वीट किया और उन्होंने कहा कि फंड दिया गया है. एमसीडी में शासन करने वाली बीजेपी कहती है कि वे हमसे बहस करें. उन्हें फंड नही दिया गया है. रोजाना बैठकें होती हैं. ट्वीट होते हैं. रीट्वीट होते हैं, मगर 3 महीने का बकाया नही मिलता.
जाहिर तौर पर एमसीडी और दिल्ली सरकार में चल रही बयानबाजी की बनावट और सच्चाई तो अफसरों की फाइलों में बन्द है मगर कर्मचारियों को पिछले 3 महीने से तनख्वाह नही मिली है. सड़कों पर बिखर रहा ये कूड़ा सियासत में पिस रहे कर्मचारियों की बदहाली को भी बयां करता है.