वाइको के नेतृत्व वाले MDMK ने सोमवार को तमिलनाडु में NDA छोड़ने का फैसला किया और आरोप लगाया कि केंद्र की बीजेपी सरकार तमिलों के खिलाफ काम कर रही है और राज्य के लोगों के साथ उसने छल किया है. MDMK के जिला सचिवों की बैठक में NDA छोड़ने का सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ. लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी गठबंधन में शामिल हुई थी.
पार्टी सुप्रीमो वाइको की तरफ से पेश प्रस्ताव में कहा गया, ‘MDMK अब बीजेपी नीत NDA का हिस्सा नहीं रहेगा क्योंकि भगवा दल नीत सरकार तमिलनाडु के कई मुद्दों के प्रति असंवेदनशील रही है जिसमें मुल्लापेरियार बांध का मुद्दा भी शामिल है.’ पार्टी के शीर्ष संगठनों में शामिल जिला सचिवों की बैठक में अपील की गई कि भारत को श्रीलंका का समर्थन नहीं करना चाहिए.
प्रस्ताव में कहा गया, ‘बीजेपी तमिलों के खिलाफ काम कर रही है. मोदी ने महिंदा राजपक्षे को चुनावों के लिए शुभकामना दी. राजपक्षे को भारत रत्न देने के सुब्रमण्यम स्वामी के प्रस्ताव पर मोदी सरकार चुप है.’ पार्टी ने बीजेपी सरकार के ‘शिक्षा के संस्कृतिकरण’ की भी कड़ी आलोचना की.
पार्टी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने तमिलनाडु के लोगों की जरूरतों का ख्याल नहीं रखा. सरकार ने मुल्लापेरियार बांध में जल स्तर की समीक्षा की अनुमति दे दी है. ‘मोदी तमिलनाडु के लोगों के साथ छल कर रहे हैं.’ तमिलनाडु द्वारा कावेरी प्रबंधन प्राधिकरण के गठन की मांग के परिपेक्ष्य में कावेरी जल बंटवारे के मुद्दे पर केंद्र द्वारा ‘कार्रवाई नहीं’ करने को लेकर भी प्रस्ताव में आलोचना की गई. पार्टी ने राजपक्षे द्वारा माफी दिए जाने के बाद पांच मछुआरों की मौत की सजा खत्म कर रिहा करने को नाटक करार दिया और केंद्र पर मछुआरों के मुद्दों का समाधान नहीं करने का आरोप लगाया.
MDMK मई में हुए लोकसभा चुनावों से पहले तमिलनाडु में बीजेपी के नेतृत्व वाले छह दलों के महागठबंधन में शामिल हुआ था. पार्टी ने 39 में से सात सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पाई थी.
-भाषा से इनपुट