पाकिस्तान में दो भारतीयों की गिरफ्तारी पर विदेश मंत्रालय का कहना है कि हमने पहले ही पाकिस्तानी अफसरों को इस बारे में जानकारी दे दी थी लेकिन अब तक हमें इस संबंध में उनसे कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि उनकी अचानक गिरफ्तारी के ऐलान ने हमें चौंका दिया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि हमें उम्मीद है कि दोनों भारतीय (प्रशांत और बारी लाल) का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा और वे पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा का शिकार नहीं होंगे. हमने पाकिस्तानी सरकार से संपर्क किया और तत्काल प्रभाव से कॉन्सुलर सुविधा मुहैया कराने का अनुरोध किया है.
रवीश कुमार ने कहा, हमने उसी दिन पाक सरकार से संपर्क किया और कॉन्सुलर एक्सेस के लिए कहा. सुरक्षा और उनकी जल्द वापसी के लिए कहा गया है. मंत्रालय ने एक नागरिक के बारे में कहा कि वह पाकिस्तान में अवैध रूप से रहता पाया गया था. छूटने को लेकर ऐसे मामलों में एक समय सीमा के बारे में बताना बहुत मुश्किल है.
मंत्रालय के मुताबिक, इन दोनों के अलावा पांच अन्य भारतीय नागरिक और सैकड़ों मछुआरे पाकिस्तान में हैं. दो अन्य लोग थे जिन्हें हाल ही में वापस लाया जाना था और अटारी सीमा पर पहुंच गए थे लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ. उसी दिन जब हमें मीडिया के माध्यम से पता चला तो हम वहां पहुंच गए.
भारत का क्या है तर्क?
बात दें, पाकिस्तान ने दो भारतीयों को गिरफ्तार करने का दावा किया है. हालांकि पाकिस्तान के इस दावे को भारत ने उसके प्रोपेगेंडा का हिस्सा करार दिया है. दोनों नागरिकों के अनजाने में पाकिस्तान पहुंच जाने की जानकारी भारत ने पहले ही पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय को दे दी थी.
पाकिस्तान में गिरफ्तार भारतीय नागरिकों के नाम प्रशांत और बारी लाल है. प्रशांत के बारे में पाकिस्तान को मई 2019 की शुरुआत में बता दिया गया था. यहां तक की उनकी तस्वीर भी साझा की गई थी. 2017 में प्रशांत की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई गई थी. जबकि बारी लाल के मामले की जानकारी दिसंबर 2018 में दी गई. रिपोर्ट मिली थी कि वे अनजाने में पाकिस्तान सीमा में दाखिल हो गए और 2017 में पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा गिरफ्तार किए गए.