2007 में हैदराबाद की ऐतिहासिक मक्का मस्जिद में हुए ब्लास्ट मामले में NIA की विशेष अदालत ने असीमानंद समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. कोर्ट के फैसले के बाद से ही राजनीतिक टिप्पणियां आनी शुरू हो गई हैं. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस मुद्दे पर कांग्रेस पर हमला बोला है. लेकिन कांग्रेस इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया देने से बच रही है.
सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस पर पात्रा ने कहा कि कांग्रेस दोहरे मापदंड की राजनीति कर रही है. जब कोर्ट 2G मामले में फैसला सुनाती है तो कांग्रेस खुश होती है लेकिन इस फैसले पर दोबारा विचार को कह रही है. पात्रा ने कहा कि अब सवाल उठता है कि कांग्रेस ने जिस तरह के आरोप लगाए क्या राहुल गांधी कैंडल मार्च निकाल कर देश से माफी मांगेंगे.
आज कांग्रेस पार्टी के चेहरे पर से मुखौटा उतर गया है। कांग्रेस पार्टी जिस प्रकार से हिन्दू आंतकवाद के नाम पर हिन्दू धर्म को बदनाम कर तुष्टिकरण की राजनीति करने का काम कर रही थी उसका आज पर्दाफाश हो गया है : डॉ @sambitswaraj pic.twitter.com/swuXou4GDI
— BJP (@BJP4India) April 16, 2018
संबित पात्रा ने कहा कि आज के फैसले कांग्रेस का चेहरा खुल कर सामने आया है कि किस तरह उन्होंने हिंदू आतंकवाद के नाम पर बयान दिए थे. उन्होंने कहा कि आज पी. चिदंबरम और सुशील कुमार शिंदे को देश से माफी मांगनी चाहिए. संबित ने कहा कि पी. चिदंबरम ने सबसे पहले हिंदू आतंकवाद का जिक्र किया था, वहीं उसके बाद सुशील कुमार शिंदे ने भी इस पर बयान दिए थे.
कांग्रेस की ओर से हालांकि इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा है कि सरकार को इस बात पर फैसला करना है कि क्या उन्हें दोबारा अपील करनी है या नहीं. उन्होंने कहा कि कोर्ट के मसले पर वो कमेंट नहीं कर सकते हैं.
It is now up to the Govt to examine order and decide if a further appeal is required. As it is a judicial matter I would not like to comment on it: Ashok Gehlot, Congress on #MeccaMasjidVerdict pic.twitter.com/Fkqr6M3udJ
— ANI (@ANI) April 16, 2018
दूसरी तरफ AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया है कि सभी आरोपियों ने जून 2014 के बाद अपने बयान से पलटना शुरू किया. NIA ने अपने काम को सही तरीके से नहीं किया, या उन्होंने करने नहीं दिया गया. अगर इसी तरह चलता रहा तो देश में क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम का क्या हुआ.
गौरतलब है कि साल 2007 में हैदराबाद की ऐतिहासिक मक्का मस्जिद में हुए ब्लास्ट मामले में जुमे की नमाज़ के दौरान हुए धमाके के मामले में NIA की विशेष कोर्ट का फैसला आ गया है. कोर्ट ने मामले में असीमानंद समेत सभी 5 आरोपियों को बरी कर दिया है. करीब 11 साल पहले 18 मई 2007 को हुए इस धमाके में करीब 9 लोगों की मौत हुई थी, वहीं 58 लोग घायल हुए थे.