बिहार में मनरेगा में कथित तौर पर 6000 करोड़ रुपये के कथित घोटाले पर राजद और कांग्रेस सहित विपक्ष के हमले के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार इस योजना में भ्रष्टाचार रोकने के लिए एक संस्थागत तंत्र विकसित करेगा.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के पंचायतों में प्रत्येक सप्ताह मनरेगा सप्ताह मनाया जा रहा है. जिले से वरिष्ठ अधिकारी पंचायतों में जाकर मनरेगा का अंकेक्षण करते हैं.
विधानसभा में अपने कक्ष में उन्होंने कहा कि राज्य में 8420 पंचायतों में से 2500 में जांच की गयी है और अंकेक्षण किया गया है. राज्य सरकार ने कोताही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई भी की है. 130 प्राथमिकी दर्ज की गयी. 1900 कारण बताओ नोटिस जारी किये गये है जबकि 21 लाख रुपये की राशि वसूली गयी है.
बिहार में मनरेगा में कथित तौर पर 6000 करोड़ रुपये का घोटाले का आरोप लगाते हुए राजद और कांग्रेस के सदस्यों ने सरकार को सदन में घेरने का प्रयास किया.
राजद और भाकपा के सदस्यों ने विधानसभा के बाहर और सदन में हंगामा किया. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अब्दुल बारी सिद्दिकी और अन्य राजद विधायकों ने कथित मनरेगा घोटाले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभाध्यक्ष सदानंद सिंह ने इस मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग की. विधानसभा अध्यक्ष उदयनारायण चौधरी ने इस विषय में नेता प्रतिपक्ष और अन्य लोगों द्वारा लाये गये कार्यस्थगन प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया और बहस के लिए सोमवार का दिन तय किया.
संसदीय कार्य मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा सरकार मनरेगा मामले में जांच से नहीं भाग रही है. बहस के बाद उचित समय पर जवाब दिया जाएगा.
इधर बिहार विधान परिषद में विपक्ष ने 19 नवंबर को पटना में अदालत घाट पर छठ हादसे में 17 लोगों की मौत को लेकर कार्यस्थगन प्रस्ताव पेश किया. राजद और कांग्रेस के सदस्यों ने सदन के बीचो बीच आकर अदालत घाट हादसे पर बहस की मांग की.
वहीं कार्यवाही शुरू होने से पहले राजद की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी तथा नेता प्रतिपक्ष गुलाम गौस के नेतृत्व में विधानपरिषद के द्वार के सामने अदालत घाट हादसे को लेकर राजद के विधान पाषर्दों ने प्रदर्शन किया.