अकसर ही ये सवाल उठता है कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती मीडिया से बात क्यों नहीं करतीं. इसका जवाब खुद मायावती ने दिया है. उनका कहना है कि मीडिया में कई लोगों की सोच दलित विरोधी है इसीलिए वह इंटरव्यू से बचती हैं.
सावधान रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और मैं इसका बहुत सम्मान करती हूं. मगर मीडिया में अभी भी कई लोग ऐसे हैं, जिनकी सोच दलित विरोधी है. इसीलिए जब मीडिया के लोग मेरा अलग-अलग इंटरव्यू लेना चाहते हैं, तो मैं काफी बचती हूं.'
मीडिया पर तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, 'जब भी मैंने अलग-अलग इंटरव्यू दिया तो उन्होंने जो खबर छापी, वो ज्यादातर तोड़ मरोड़कर छापी. अब अगर मैं उस पर सफाई भी दूं कि मैंने ऐसा नहीं वैसा कहा था, तो आप नहीं मानेंगे आसानी से. क्योंकि आप लोग उसके गवाह नहीं है. जब भी इंटरव्यू दिया तो तोड़ मरोड़ कर छापा. ये मेरा पुराना तजुर्बा रहा है.'
बसपा सुप्रीमो ने कहा, 'इसीलिए मैं लिखित सवाल जवाब के जरिए बात करना ज्यादा पसंद करती हूं, इसमें गड़बड़ी होने की थोड़ी कम गुंजाइश होती है.'