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लोकतंत्र के 'चौथे स्तंभ' में भी लग गया 'घुन': अन्‍ना हजारे

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा है कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारिता में भी अब घुन लग गया है, जो चिंता का विषय है.

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अन्‍ना हजारे
अन्‍ना हजारे

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा है कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारिता में भी अब घुन लग गया है, जो चिंता का विषय है.

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अन्‍ना हजारे ने हिंदी पत्रकारिता पर आयोजित एक कार्यक्रम में दिल्‍ली में कहा, ‘पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है, जिसे मज़बूत होना चाहिए, लेकिन चिंता की बात यह है कि इस स्तम्भ को भी घुन लग गया है.’ उन्होंने कहा कि मीडिया विकास और गांव संबंधी मुद्दों को नहीं उठा रही.

अन्‍ना हजारे ने कहा, ‘गांव के विकास का मतलब नई पंचायत इमारत का निर्माण या मौजूदा इमारतों की ऊंचाई बढ़ाना नहीं है. इमारतों की ऊंचाई बढ़ने के साथ-साथ लोगों के सिद्धांत नीचे की ओर गिरते हैं. यह विकास नहीं है. विकास का मतलब लोगों को भीतर से मज़बूत बनाना है.’

उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में विकास का जो मॉडल अपनाया जा रहा है, उसके लिए हम आंखें मूंदकर प्राकृतिक और मानव संसाधनों का दोहन कर रहे हैं जो उचित नहीं है.

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