हैदराबाद में गांधी मेडिकल कॉलेड एंड अस्पताल में दो मेडिकल इंटर्न्स (प्रशिक्षुओं) को टिकटॉक वीडियो शूट करने की वजह से निलंबित कर दिया गया है.
इससे पहले तेलंगाना के ही खम्मम में म्युनिसिपल स्टॉफ को दफ्तर में ही टिकटॉक वीडियो शूट करने के बाद अपलोड करते पकड़े जाने का मामला सुर्खियों में रहा था.
हैदराबाद में निजी कॉलेज में पढ़ने वाले फिजियोथिरेपी के दो छात्रों ने वीडियो शूट और अपलोड किया. ये दोनों गांधी मेडिकल कॉलेज में इंटर्नशिप के लिए आए हुए थे. इन्हें सुपरिटेंडेंट डॉ. श्रवण कुमार ने निलंबित किया. ये दोनों काम के दौरान टिकटॉक के लिए वीडियो क्लिप्स शूट कर रहे थे.
इन दोनों छात्रों के वीडियो सोशल मीडिया और व्हाट्सअप ग्रुप पर शुक्रवार को वायरल हो गए.
सुपरिटेंडेंट डॉ. श्रवण कुमार ने कहा, 'ये छात्र फिजियोथिरेपी डिपार्टमेंट में ट्रेनी थे और दूसरे कॉलेज से गांधी मेडिकल कॉलेज में एप्रेन्टिसशिप करने आए थे. उनके नकरात्मक बर्ताव की वजह से हम उन्हें फिजियोथिरेपी डिपार्टमेंट से निलंबित कर रहे हैं. साथ ही फिजियोथिरेपी इनचार्ज को भी नोटिस जारी कर रहे हैं.'
सुपरिटेंडेंट ने ये भी साफ किया कि गांधी मेडिकल कॉलेज का कोई छात्र ऐसी गतिविधि में शामिल नहीं है.
हाल में खम्मम म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में स्टाफ के सदस्य टिकटॉक वीडियो बनाते पकड़े गए. उन्हें पहले निलंबित किया गया और फिर डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर ने उनका तबादला कर दिया था.
टिकटॉक ऐप को लेकर भारत सरकार भी चिंता जता चुकी है. इसके जरिए देश विरोधी और अश्लीलता के प्रसार वाली गतिविधियों पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से टिकटॉक के ऑपरेटर्स से हाल में जवाब मांगा गया.
सरकार की ओर से साफ किया गया कि अगर संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो टिकटॉक पर बैन भी लगाया जा सकता है.
देश से बाहर भारतीय यूजर्स का डेटा स्टोर किए जाने पर भी टिकटॉक के ऑपरेटर्स से स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा गया था. इसके बाद टिकटॉक को संचालित करने वाली कंपनी ने एक बयान में कहा कि वो भारत सरकार से पूरा सहयोग करेगी और भारत में ही डेटा स्टोर करने के लिए शीघ्र सेंटर खोलेगी.
टिकटॉक का इस कद्र जुनून है कि लोग वर्कप्लेस, सार्वजनिक स्थान, कहीं भी वीडियो शूट करना शुरू कर देते हैं. ये शॉर्ट वीडियो एक मिनट से कम अवधि के होते हैं.