भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ने अपना दायर बढ़ाते हुए चिकित्सा में पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना बनायी है.
संस्थानों में स्थायी शिक्षकों के रूप में विदेशी नागरिकों की नियुक्ति की और परास्नातक पाठ्यक्रम में विदेश से आये छात्रों को प्रवेश की अनुमति भी दी जाएगी. इस संबंध में मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल की अध्यक्षता में आज यहां आईआईटी परिषद की बैठक में फैसला किया गया.
सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने चिकित्सा पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए भारतीय चिकित्सा परिषद की मंजूरी लेने का फैसला किया है.
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी संस्थान कानून में उचित संशोधन करने का फैसला भी किया गया है ताकि सभी आईआईटी में चिकित्सा पाठ्यक्रम संचालित किये जा सकें. सिब्बल ने कहा कि मेडिसिन की किसी भी शाखा से संबंधित डिग्री देने से पहले निश्चित रूप से कानून के तहत एमसीआई से मंजूरी लेनी होगी.
इसके लिए वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के पूर्व प्रमुख आरए माशेलकर के निर्देशन में एक स्थायी समिति बनाने का फैसला किया गया है.