देश में दवाइयां इस कदर महंगी हो चुकी हैं कि गरीब मरीजों के लिए इसे खरीदना बेहद मुश्किल हो गया है. लेकिन अब मुंबईवासियों को इसकी चिंता नहीं सताएगी. मुंबई में एक ऐसा दवा बैंक खुल गया है, जहां जरूरतमंदों को मुफ्त में दवा दी जाती है. लेकिन इसके लिए मुंबईवासियों को अपने घर रखी अतिरिक्त दवा का दान करना होगा.
अगर आपके घर में भी ऐसी दवाइयां रखी हुई हैं, जो एक्सपायरी डेट का इतंजार कर रही हैं, तो उसे आप इस दवाई बैंक नाम की दानपेटी में डाल सकते हैं. यह दवाई बैंक मुंबई के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के ठीक सामने सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक रखी होती है.
अगर आप वहां तक नहीं जा सकते, तो 'जीवन ज्योत' नाम के एनजीओ को कॉल करें, वह आपके घर एक एंबुलेंस जैसा वाहन भेजकर आपके घर से दवाइयां ले जाएगा.
इस दवाई बैंक में डॉक्टरों की तीन सदस्यों वाली टीम जमा की गई दवाईयों को बीमारी के हिसाब से अलग-अलग छांटते है. कैंसर के लिए अलग, किडनी स्टोन और डायलिसिस के लिए अलग या फिर कोई और बीमारी के लिए अलग. बाद में दवाइयों का पूरा डेटा एक कंप्यूटर पर सेव कर लिया जाता है.
एक जनवरी 2014 से शुरू की गई मेडिसीन बैंक नाम की इस मुफ्त सेवा की जानकारी अब तक मुबईवासियों को कम ही है. एनजीओ की मानें, तो यहां न सिर्फ टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के मरीज, बल्कि वाडिया, नायर, केईएम और कई निजी अस्पताल के मरीज आते हैं. अब कई मरीज इस सेवा का लाभ उठाना चाहते हैं.
खास बात यह है कि आसपास मौजूद मेडिकल दुकानें भी इस मुफ्त दवाई सेवा का साथ दे रही हैं. ये दुकानदार मानते हैं कि दवाइयां और इलाज इस कदर महंगे हो चुके हैं कि मरीजों के पास दवाई खरीदने तक के पैसे नहीं होते.
गौरतलब है कि यह एनजीओ न सिर्फ मरीजों को मुफ्त दवाइयां देता है, बल्कि मरीजों और उनके परिवार को दोपहर और रात का मुफ्त खाना भी परोसता है.