दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है जिसकी केंद्र सरकार से बनती नहीं है, इसी उलझे हुए समीकरण ने अब एक नया समीकरण बना दिया है. दिल्ली के विकास से जुड़ी योजनाओं पर शहरी विकास मंत्रालय ने सोमवार देर शाम एक बैठक बुलाई है जिसे काफी अहम माना जा रहा है. इस बैठक को इसलिए भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि इसमें खासतौर पर दिल्ली के सभी सातों सांसदों को बुलाया गया है. इन सातों सांसदों से मशविरे के बाद केंद्र सरकार के जरिए दिल्ली में तमाम योजनाओं की बुनियाद रखी जाएगी.
सूत्रों के मुताबिक सभी सांसदों से कहा गया है कि वो इस मीटिंग के लिए आवश्यक रूप से मौजूद रहें, क्योंकि दिल्ली के विकास की योजनाओं से जुड़े तमाम अहम फैसले इस बैठक में लिए जाने हैं. साथ ही इन सांसदों से अपने इलाके के साथ- साथ दिल्ली से जुड़े बड़े प्रोजेक्ट की योजनाओं को भी बैठक में रखने के लिए कहा गया है, ताकि उससे जुड़े बजट पर काम किया जा सके. खासतौर पर डीडीए और एमसीडी के जरिए होने वाले कामों पर फोकस रहेगा, क्योंकि इन्हीं दो संस्थाओं के माध्यम से बीजेपी जनता के बीच विकास की योजनाओं का संदेश पहुंचाने की कोशिश करेगी. सूत्रों के मुताबिक बैठक में सांसदों को शामिल कर कोशिश दिल्ली की केजरीवाल सरकार को बायपास करने की योजना है, ताकि फंड जारी होने वाली किचकिच को खत्म किया जा सके.
मेट्रो के बढ़े किराये पर भी हो सकती है चर्चा
माना जा रहा है कि दिल्ली में बढ़े मेट्रो किराये से जुड़े मसले को लेकर भी इस बैठक में महत्वपूर्ण चर्चा हो सकती है, क्योंकि मेट्रो के किराये में करीब दोगुनी बढ़ोतरी हुई है और दिल्ली की केजरीवाल सरकार इसकी पूरी जि़म्मेदारी केंद्र सरकार के शहरी विकासमंत्रालय पर ही डाल रही है. इस बढ़े मेट्रो किराये में राहत के क्या उपाय हो सकते हैं, दिल्ली के सांसदों से उनकी राय ली जा सकती है, ताकि दिल्ली सराकर के आरोपों के बाद केंद्र की छवि को सुधारा जा सके. बता दें कि आम आदमी पार्टी सरकार मेट्रो किराये में हुई बढ़ोतरी को केंद्र सरकार की देन बता रही है और इसे लेकर सड़कों पर आंदोलन भी चला रही है.