scorecardresearch
 

LAC के फॉरवर्ड एयरबेस पर पहुंचा आजतक, दुश्मन को दहला रहे सुखोई-जगुआर

वायुसेना के इस फॉरवर्ड एयर बेस से चीन पर नजर रखने के लिए मल्टी रोल कम्बैक्ट, मिराज-2000, सुखोई-30 और जगुआर की भी तैनाती की गई है. ये सभी लड़ाकू विमान हथियारों से लैस होकर इलाके की निगरानी कर रहे हैं.

Advertisement
X
फोटो-PTI
फोटो-PTI

Advertisement

  • भारत-चीन फॉरवर्ड पोस्ट पर वायुसेना की तैयारियों का जायजा
  • पीएम के लद्दाख दौरे के ठीक बाद आजतक की ग्राउंड रिपोर्ट

गलवान घाटी में 15 जून को चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुई हिंसक भिड़ंत के बाद लद्दाख में LAC पर वायुसेना हाई अलर्ट पर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक फॉरवर्ड बेस पर जाकर चीन को सीधी चुनौती दी थी. ऐसे में भारतीय वायुसेना के विमान सरहद पर गरज रहे हैं. वायुसेना ने इस इलाके में कई लड़ाकू विमानों को तैनात कर दिया है. आजतक संवाददाता ने चीन से लगने वाली सरहद पर एक फॉरवर्ड एयर बेस पर जाकर वायुसेना की तैयारियों का जायजा लिया.

उन्होंने बताया कि चीन की सरहद से सटे वायुसेना के इस फॉरवर्ड एयर बेस पर जबरदस्त हलचल है और वायुसेना के लड़ाकू विमान लगातार यहां गश्त लगा रहे हैं. विमानों से सैनिकों और सामान को लद्दाख के अलग-अलग इलाकों में भेजा जा रहा है. बालाकोट एयर स्ट्राइक में अहम भूमिका निभाने वाले मिग 29 विमान, अपाचे और चिनूक हेलिकॉप्टर भी यहां तैनात किए गए हैं.

Advertisement

वायुसेना के इस फॉरवर्ड एयर बेस से चीन पर नजर रखने के लिए मल्टी रोल कॉम्बैट, मिराज-2000, सुखोई-30 और जगुआर की भी तैनाती की गई है. ये सभी लड़ाकू विमान हथियारों से लैस होकर इलाके की निगरानी कर रहे हैं.

चीन को एक और झटका देने की तैयारी, PM मोदी ने युवाओं को दिया ऐप बनाने का चैलेंज

इसके अलावा चिनूक हेलिकाप्टर को लद्दाख में तैनात सैनिकों के लिए खाद्य और रसद सामग्री पहुंचाने में लगाया गया है, जबकि अपाचे हेलिकाप्टर को दुश्मन पर धावा बोलने के लिए लगाया गया है. इसके अलावा एमआई-17वी5 मीडियम-लिफ्ट हेलिकॉप्टर भी सैनिकों और सामग्री परिवहन के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं

जमीनी सैनिकों की मदद के लिए तैनात किया गया अपाचे

आजतक संवाददाता ने बताया कि पूर्वी लद्दाख सेक्टर में भारतीय सेना के जवानों को हवाई सहायता प्रदान करने के लिए अमेरिकी अपाचे हेलिकॉप्टरों को उन क्षेत्रों के करीब के इलाके में तैनात किया गया है, जहां थल सेना की ओर से कार्रवाई की जा रही है.

चिनूक से पहुंचाया जा रहा है हथियार और राशन

हाल के दिनों में अमेरिका से खरीदे गए चिनूक हेलिकॉप्टर चीन से लगने वाली सरहद पर सैनिकों को फॉरवर्ड पोस्ट तक पहुंचाने और उनके लिए राशन के साथ ही हथियार पहुंचाने के मिशन को बखूबी निभा रहे हैं, जबकि अपाचे हेलीकॉप्टर को माउंटेन वॉरफेयर के लिए बेहतरीन माना जाता है.

Advertisement

एयर वॉरियर्स बोले- हर हालात के लिए तैयार हैं

इस फॉरवर्ड एयर बेस पर जब एयर वॉरियर्स से पूछा गया कि हाउ इज द जोश तो उन्होंने कहा कि वायुसेना के फाइटर पायलट का जोश हमेशा हाई ही होता है, चाहे कैसे भी हालात हों. वहीं, एक दूसरे फाइटर पायलट ने कहा कि मौजूदा हालात में अभी जिस तरह की चुनौतियां सामने हैं, उससे निपटने के लिए वायुसेना के एयर वॉरियर्स और लड़ाकू विमान पूरी तरह से तैयार हैं.

पहले ही जैसी है चीनी सैनिकों की तैनाती

चीन से तनातनी के बीच वायुसेना को मालूम है कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर रक्षा कवच को कम नहीं किया जा सकता है. अभी भी गलवान घाटी, पैंगॉन्ग झील और दौलत बेग ओल्डी इलाके में चीनी सेना की तैनाती पहले जैसी बनी है. ऐसे में भारत किसी स्तर पर अपनी तैनाती को कम नहीं रखना चाहता है.

Advertisement
Advertisement