चुनाव आयोग शुक्रवार को पूर्वोत्तर के तीन राज्यों-त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बैठक करेगा. इस बैठक के बाद चुनाव तारीखों की घोषणा हो सकती है. बता दें, चुनाव से पहले आयोग ने सभी औपचारिक कावयद पूरी कर ली है. इसमें अधिकारियों के साथ बैठक से लेकर राजनीतिक प्रतिनिधियों से सलाह मशवरा भी किया जा चुका है. इस लिए मुमकिन है कि आज की बैठक के बाद तारीखों की घोषणा हो जाए.
बता दें, प्रत्येक राज्य (त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड) में 60-60 विधानसभा सीटें हैं. वहीं, इन तीनों राज्यों का विधानसभा कार्यकाल मार्च में खत्म हो रहा है. ऐसे में फरवरी में चुनाव होने की संभावना है.
नॉर्थ ईस्ट बीजेपी के लिए अहम तो राहुल के लिए चुनौती
आजादी के एक दशक तक पूर्वोत्तर राज्यों में कांग्रेस का खासा दबदबा रहा. इसके बाद इन राज्यों में वाम और स्टेट पार्टी ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली.
नागालैंड में नागाल पीपुल्स फ्रंट की सरकार है. इस सरकार को बीजेपी का सपोर्ट है. मेघालय में कांग्रेस की सरकार है और त्रिपुरा में माकपा की अगुवाई वाला वाममोर्चा राज्य में 1993 से सत्ता में है.
हाल ही में कांग्रेस के अध्यक्ष बने राहुल गांधी के लिए ये चुनाव चुनौती के तौर पर है. क्योंकि मेघालय में बीजेपी अपनी पकड़ मजबूत करने में लगी है. साथ ही त्रिपुरा में इंडिजिनियस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ सकती है. दरअसल, बीजेपी इन राज्यों को 2019 के लोकसभा चुनाव के फाइनल एग्जाम का प्री टेस्ट मान कर काम रही है. इस हिसाब से इन राज्यों को जीतने के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है.
2013 में 28 फरवरी को आए थे रिजल्ट
बता दें, 2013 में त्रिपुरा में 14 फरवरी को जबकि मेघालय व नागालैंड में 23 फरवरी को वोट डाले गए थे. वहीं, परिणाम 28 फरवरी को घोषित किए गए थे.