scorecardresearch
 

Meghalaya Election Results: कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी, 21 सीटों पर विजयी

राज्य की 60 में से 59 सीटों पर 27 फरवरी को मतदान हुआ था. मेघालय की 60 सीटों वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बहुमत के आंकड़े से कुछ पीछे रह गई है. उसे 21 सीटों पर जीत मिली है, जबकि बहुमत के लिए उसे 31 सीटों पर जीत चाहिए थी.

Advertisement
X
कांग्रेस नेता मुकुल संगमा
कांग्रेस नेता मुकुल संगमा

Advertisement

मेघालय में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने 21 सीटें जीत ली हैं जबकि पिछले चुनावों में पार्टी ने 60 में से 29 सीटें जीती थीं. भाजपा की संभावित गठंबधन साझेदार नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने 19 सीटें जीत ली हैं.

राज्य की 60 में से 59 सीटों पर 27 फरवरी को मतदान हुआ था. मेघालय की 60 सीटों वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बहुमत के आंकड़े से कुछ पीछे रह गई है. उसे 21 सीटों पर जीत मिली है, जबकि बहुमत के लिए उसे 31 सीटों पर जीत चाहिए थी.

वहीं नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को 19 सीटों पर जीत हासिल हुई है. एनपीपी ने बीजेपी से अलग चुनाव लड़ा था, लेकिन बहुमत से पिछड़ने पर वो बीजेपी से गठबंधन कर कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर सकती है. वैसे भी नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (एनईडीए) में एनपीपी बीजेपी की सहयोगी है और बीजेपी नेता भी उससे गठबंधन को तैयार  दिख रहे हैं. बीजेपी को भी राज्य में दो सीटें मिली हैं.

Advertisement

कांग्रेस सरकार गठन में जुटी

कांग्रेस नेतृत्व ने वरिष्ठ नेता कमलनाथ और अहमद पटेल को शिलांग भेज दिया है. शिलांग पहुंचते ही अहमद पटेल ने कहा कि हम यहां सरकार बनाने आए हैं. इस क्रम में मेघालय कांग्रेस के नेताओं के साथ केंद्रीय नेतृत्व शिलांग में बैठक कर रहा है. नतीजों से साफ है कि कांग्रेस अगर कुछ निर्दलीय या छोटे दलों के विधायकों को अपने साथ लाने में सफल होती है तो वह राज्य में अपनी सत्ता बचा सकती है. ऐसे में जो भी पहले निर्दलीय या छोटे दलों को अपने खेमे में ले लेगा, वही मेघालय में सरकार बना पाएगा.

बता दें कि वर्ष 2013 के चुनाव में भाजपा ने इस राज्य में 13 उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन कोई जीत न सका था. एनपीपी को 32 में से मात्र दो सीटें मिली थीं. पिछले चुनाव (2013) में यहां कांग्रेस को सबसे ज्यादा 29 सीटें मिली थीं, जबकि 13 निर्दलीय प्रत्याशियों ने चुनाव जीता था.

 संगमा बनाम संगमा...

इससे पहले यहां कड़ी टक्कर राजनीतिक पार्टियों के बीच नहीं बल्कि दो राजनीतिक घरानों पर केंद्रित रही. दरअसल, मेघालय में इस बार मुकाबला संगमा बनाम संगमा है. मुख्यमंत्री मुकुल संगमा यहां एक बार फिर कांग्रेस पार्टी को सत्ता में बनाए रखने के लिए जोर लगा रहे हैं.

Advertisement

वहीं, दूसरी ओर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा के बेटे कोनार्ड संगमा के नेतृत्व में नेशनल पीपुल्स पार्टी सत्तारूढ़ दल के बड़ी चुनौती दे रही है. ध्यान देने वाली बात यह कि मुकुल और कोनार्ड दोनों ही गारो हिल्स इलाके से आते हैं. लेकिन यहां पीए संगमा के निधन के बाद कोनार्ड संगमा का राजनीतिक कद इलाके में काफी प्रभावशाली हो गया है.

मुकुल संगमा दो सीटों से लड़े चुनाव...

मेघालय के मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के परिवार के तीन सदस्य गारो हिल्स क्षेत्र में चुनाव मैदान में हैं. मुकुल खुद दो सीटों अम्पाति और सोंगसाक से चुनाव मैदान में हैं. असम, मणिपुर और अरूणाचल प्रदेश में सरकार बनाने से उत्साहित बीजेपी अब नगालैंड और मेघालय में अपने पांव पसारने की कोशिश कर रही है.

कांग्रेस के लिए मेघालय में मिलने वाले चुनाव के परिणाम महत्वपूर्ण रहेंगे क्योंकि इस राज्य में वह बीते दस साल से सत्ता में है, जबकि बीजेपी नगालैंड और मेघालय को अपने खाते में डालने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है.

Advertisement
Advertisement