मेघालय में 60 विधानसभा सीटों पर हुए चुनावों में कांग्रेस 21 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई. हालांकि, वह यहां सरकार बना पाने में नाकाम रही और 19 सीटें जीतकर दूसरे नंबर पर रही नेशनल पीपल पार्टी (एनपीपी) के नेतृत्व में सरकार बनने जा रही है.
एनपीपी को राज्य में 6 सीटें जीतने वाली यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी), 4 सीटें पाने वाली पीडीएफ, 2-2 सीटें जीतने वाली बीजेपी और एचएसपीडीपी और एक निर्दलीय विधायक समर्थन दे रहे हैं.
इन सभी दलों के विधायकों ने रविवार शाम को एनपीपी के नेता कोनराड संगमा के नेतृत्व में राज्यपाल से मुलाकात की. राज्यपाल से मिलने के बाद संगमा ने कहा कि मेघालय 6 मार्च को नई सरकार शपथ ग्रहण करेगी.
इस घटनाक्रम पर कांग्रेसी नेता पीएल पूनिया ने कहा है, 'यह तो ऐसा हो रहा है जैसे- जिसकी लाठी, उसकी भैंस. यह मणिपुर में भी हुआ और गोवा में भी. जनता के शासनादेश का अपमान किया जा रहा है. यह लोकतंत्र के लिए घातक है.'
पूनिया के अलावा मेघालय में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष विंसेंट पाला ने कहा, 'हमने चुनावों से पहले किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं किया था. चुनाव प्रचार के समय से ही हमें पता था कि बीजेपी, एनपीपी और यूडीपी एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. अब सरकार बनाने के लिए इनके साथ आने से यह साबित भी हो गया है. असली शासनादेश कांग्रेस को मिला था.'
आपको बता दें कि यूडीपी के एनपीपी को अपना समर्थन देने की सूरत में बीजेपी, दो पार्टियों और एक निर्दलीय विधायक के साथ राज्य में सरकार बनेगी. ऐसे में इस गठबंधन के पास बहुमत से तीन ज्यादा 34 सीटें हैं. इस गठबंधन की सरकार में एनपीपी के 19 विधायक, यूडीपी के 6 विधायक, पीडीएफ के 4 विधायक, एचएसपीडीपी के 2 विधायक, बीजेपी के 2 विधायक और एक निर्दलीय विधायक हैं.
60 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के खाते में 21 , एनपीपी के खाते में 19 और बीजेपी के खाते में दो सीटें आई हैं. वहीं, यूनाईटेड डेमोक्रेटिक पार्टी के छह विधायक और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के दो विधायक चुने गये हैं. एनसीपी और खुन हनीट्रैप नेशनल अवेकिंग मूवमेंट के खाते में एक-एक सीट आई है. इसके अलावा तीन निर्दलीय विधायक भी चुनाव जीते हैं.