लोकतंत्र में यह सुनने में अजीब लग सकता है कि पूर्वोत्तर के एक छोटे से राज्य मेघालय में वर्तमान में चार-चार ‘मुख्यमंत्री’ काम कर रहे हैं.
कांग्रेस की अगुवाई वाली मेघालय सरकार में यह अनोखी व्यवस्था है. राज्य के उपमुख्यमंत्री तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष फ्राइडे लिंगदोह का दर्जा उप मुख्यमंत्री से बढ़ाकर गुरुवार को मुख्यमंत्री का कर दिया गया. माना जा रहा है कि राज्य कांग्रेस में उपजे अंतर्विरोध को शांत करने के लिए यह कदम उठाया गया है.
इससे पहले लिंगदोह का दर्जा उप मुख्यमंत्री का था, जब वरिष्ठ कांग्रेसी नेता डीडी लापांग ने पिछले साल 13 मई को मुख्यमंत्री का पद संभाला था. लिंगदोह का दर्जा बढ़ा दिये जाने के बाद राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन में लापांग के अलावा 3 ऐसे नेता हैं, जिनके पास मुख्यमंत्री का दर्जा है. जिन अन्य 2 लोगों को मुख्यमंत्री का दर्जा है, उनमें राज्य योजना बोर्ड के चेयरमैन दोंकुपर राय और मेघायल आर्थिक विकास परिषद के प्रमुख जे डी रिम्बई शामिल हैं. ये दोनों यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता हैं.
सरकारी सूत्रों ने बताया कि लापांग के अलावा बाकी 3 लोगों को भी मुख्यमंत्री के बराबर वेतन, भत्ता और सुविधायें मिलेंगी. हालांकि, लापांग के अलावा अन्य के पास कोई संवैधानिक ताकत नहीं होगी.