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उमर खालिद पर हमले को महबूबा ने बताया 'लोकतंत्र का मजाक', मीनाक्षी बोलीं-प्रोपेगैंडा

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने छात्र नेता उमर खालिद पर हमले की कोशिश को लोकतांत्र‍िक व्यवस्था के उलट करार दिया. साथ ही कहा कि किसी की आवाज को बंद करने की कोशिश करना बिल्कुल गलत है.

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महबूबा मुफ्ती और मीनाक्षी लेखी (फाइल फोटो)
महबूबा मुफ्ती और मीनाक्षी लेखी (फाइल फोटो)

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जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद पर सोमवार दोपहर हमले की कोशिश को जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने लोकतंत्र का मजाक करार दिया तो बीजेपी की ओर से प्रवक्ता और सांसद  मीनाक्षी लेखी ने इसे प्रोपेगैंडा बताया.

महबूबा ने ट्वीट के जरिए अपनी बात रखते हुए मीडिया पर उमर खालिद को राष्ट्र विरोधी के तौर पर पेश करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडलर के जरिए ट्वीट करते हुए लिखा, 'आज उमर खालिद पर नफरत फैलाने वालों की ओर से स्वतंत्रता दिवस के दो दिन पहले किया गया हमला हमारे लोकतंत्र का मजाक है. मामले में मीडिया ने भी नकरात्मक भूमिका निभाते हुए उमर को राष्ट्रविरोधी के तौर पर पेश करते हुए लोगों में सार्वजनिक उन्माद फैलाने का काम किया.'

इससे पहले पूर्व सीएम ने अपने एक और ट्वीट में लिखा, 'हमारे जैसे लोकतांत्रिक देश में सहमति और असहमति पूरी तरह सही है, लेकिन किसी को चुप कराना और आवाज को बंद करने की कोशिश करना बिल्कुल गलत है. वह भी इसलिए कि उसके विचार किसी से मेल नहीं खाते हैं.'

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बता दें कि आज दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के पास उमर खालिद अपने दोस्तों के साथ बैठे हुए थे. इसी दौरान कुछ लोग वहां आए और उन्होंने उमर की तरफ आने की कोशिश की. आरोप है कि इन दो में से एक शख्स के पास पिस्तौल थी. जब वहां बैठे लोगों को कुछ शक हुआ तो वे रुक गए और फिर वहां से फरार हो गए. हालांकि, किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुंची और खालिद पूरी तरह सुरक्षित हैं. उन्हें जांच के लिए पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन ले जाया गया.

घटना के बाद उमर खालिद ने कहा कि वह जब चाय पीकर लौट रहे थे तभी पीछे से हमला किया गया. उसका गला दबाने की कोशिश की, उसे जमीन पर गिरा दिया गया और बंदूक निकालकर उन पर तान दी गई. छात्र नेता के मुताबि‍क वे हमलावर को नहीं पहचानते. साथ ही उन्होंने अपनी जान पर खतरा बताते हुए पुलिस से जांच आरोपी को जल्द पकड़ने की मांग की है.

हमले के बारे में जानकारी देते हुए जॉइंट सीपी अजय चौधरी ने कहा कि उमर खालिद यहां एक कार्यक्रम में आए थे. चाय पीने के लिए जब वह बाहर निकले, उसी वक्त यह घटना घटी. पुलिस को जानकारी नहीं थी कि अंदर कोई प्रोग्राम चल रहा है.

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उमर पर हमले को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नेता मीनाक्षी लेखी ने महज प्रोपेगैंडा करार दिया. वहीं, छात्र नेता शेहला रशीद ने ट्वीट कर इस घटना को चौंकाने वाला और निंदनीय करार दिया. उन्होंने कहा कि दिल्ली में उमर खालिद पर किसी ने पीछे से गोली मारने की कोशिश की. वह अभी ठीक हैं, लेकिन हम उनकी सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं.  

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