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महबूबा सरकार की मेहरबानी, 9730 पत्थरबाजों को किया माफ, वापस लिया जाएगा केस

विधानसभा में भी इस मुद्दे पर जमकर बहस हुई. इस मामले में सेना के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली गई है. इन हालातों के बीच राज्य सरकार ने पत्थर बरसाने वालों पर यह बड़ा फैसला लिया है.

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जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती

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कश्मीर में पिछले 10 सालों में सुरक्षाबलों पर पथराव करने वाले 9730 पत्थरबाजों को महबूबा मुफ्ती ने माफ कर दिया है. महबूबा सरकार ने इन पत्थरबाजों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती शुरू से ही पत्थर बरसाने वाले कश्मीर के युवाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई न करने की हिमायत करती आ रही हैं.

बीते दिनों सुरक्षाबलों की फायरिंग में तीन युवाओं की मौत के बाद से कश्मीर में प्रदर्शन हो रहे हैं. विधानसभा में भी इस मुद्दे पर जमकर बहस हुई. इस मामले में सेना के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली गई है. इन हालातों के बीच राज्य सरकार ने पत्थर बरसाने वालों पर यह बड़ा फैसला लिया है.

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आज कहा कि 1745 मामले वापस लेने की सरकार की कार्रवाई कुछ शर्तों पर निर्भर करेगी. यह मामले की पड़ताल के लिये गठित एक समिति की सिफारिशों पर आधारित है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने 4000 से अधिक लोगों को आम माफी देने की सिफारिश की है. ये लोग पिछले दो वर्षों में पथराव जैसी मामूली घटनाओं में शामिल रहे हैं.

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विधानसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में मुफ्ती ने कहा कि वह पहली बार अपराध में शामिल लोगों के ब्योरे का खुलासा ऐसे लोगों और उनके परिवार की सुरक्षा की वजह से नहीं करेंगी. उन्होंने कहा कि 2016 और 2017 के बीच 3773 मामले दर्ज किये गए. इनमें 11 हजार 290 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. 233 का अब तक पता नहीं लगा है. सात मामले स्वीकार नहीं किये गए और 1692 मामलों में आरोप पत्र दायर किए गए, जबकि 1841 मामलों में जांच चल रही है. महबूबा मुफ्ती के पास गृह विभाग भी है.

वर्ष 2016 में हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर घाटी में काफी अशांति रही. इसमें 85 से अधिक लोगों की मौत हुई थी. मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2016 में 2904 मामले दर्ज किये गए और 8570 लोगों को पथराव करने की घटनाओं के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया, वहीं 2017 में दर्ज मामलों की संख्या घटकर 869 हो गई. इस संबंध में 2720 लोगों को गिरफ्तार किया गया.

उन्होंने बताया कि 2016 और 2017 के दौरान सबसे अधिक 2330 लोगों को श्रीनगर में गिरफ्तार किया गया. इसी दौरान 2046 लोगों को बारामुला में, 1385 लोगों को पुलवामा में, 1123 लोगों को कुपवाड़ा में, 1118 को अनंतनाग में, 783 को बडगाम में, 714 को गांदरबल में, 694 को शोपियां में, 548 को बांदीपोरा में, 547 को कुलगाम में, दो को डोडा जिले में गिरफ्तार किया गया.

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