देश के अब तक के इतिहास में हुए सबसे बड़े बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी ने सीबीआई को एक पत्र लिख कर भारत वापस आने से मना किया है. साथ ही उसने जांच एजेन्सी से दरखास्त की है कि उसके प्रति इंसानियत दिखाई जाए.
आजतक के हाथ मेहुल का वो पत्र लगा है जिसमें मेहुल ने कहा है कि, 'तमाम जांच एजेंसियों ने मेरे खिलाफ जो कार्रवाई की है उसकी वजह से इस केस के खिलाफ लड़ने के मेरी क्षमता खत्म हो गई है. मानवीय आधार पर मेरे केस को समझें'
मेहुल चोकसी ने पत्र में अपनी स्वास्थ्य का भी हवाला देते हुए लिखा है कि,'हाल ही में मेरे हार्ट का इलाज हुआ है और डॉक्टर ने मुझे छह हफ्ते आराम करने को कहा है. मैं किसी तरह का बहाना नहीं बना रहा हूं. मुझे विदेश में स्थित अपने बिजनेस को भी देखना है.'
बता दें कि दुनिया के जाने माने हीरों के व्यापारी मेहुल चोकसी और नीरव मोदी लगभग 14000 करोड़ रुपये से ज्यादा के इस घोटाले के उजागर होने के कुछ दिन पहले ही देश छोड़कर फरार हो गए थे. आरोप है कि दोनों ने पंजाब नेशनल बैंक के कुछ अधिकारियों के साथ मिलकर साल 2011 से 2017 तक फर्जी एलओयू के जरिए 14000 करोड़ से भी ज्यादा का चूना लगाया.
पत्र में मेहुल ने यह भी आरोप लगाया है कि उसे एजेंसियों की तरफ से कोई जानकारी मुहैया नहीं कराई जा रही है और ना ही अब तक पासपोर्ट विभाग ने संपर्क किया है. हालांकि सीबीआई सूत्रों के मुताबिक मेहुल को बहुत पहले ही बता दिया गया है कि वो जहां कहीं भी हो, उस देश की भारतीय एंबेसी में संपर्क करे.