बुधवार को राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार अपना नामांकन दाखिल करने के लिए संसद पहुंची. इस मौके पर विपक्ष के कई बड़े नेता मौजूद थे लेकिन कुछ चेहरों की गैरमौजूदगी ने विपक्ष के इस मेगा शो को फीका कर दिया.
मीरा कुमार के नामांकन के वक्त सोनिया गांधी के साथ शरद पवार और सीताराम येचुरी मौजूद थे लेकिन मायावती, अखिलेश यादव , लालू यादव, ममता बनर्जी, उमर अब्दुल्ला और अजीत सिंह सरीखे दिग्गज नदारद रहे.
साथ ही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का भी इस मौके पर मौजूद न होना भी राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय है. राहुल गांधी अपनी नानी से मिलने विदेश गए हुए हैं.
हालांकि, विपक्षी पार्टी के जो चेहरे खुद उपस्थित नहीं हो पाए उन्होंने अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई.
विपक्ष राष्ट्रपति चुनाव के जरिए 2019 की तैयारी करने की कोशिश में था. लेकिन चुनाव जैसे-जैसे करीब आया, विपक्ष की एकता को एक के बाद एक कई झटके लगे. विपक्ष केव लिए सबसे बड़ा झटका वो था जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी ने एनडीय उम्मीदवार को अपना समर्थन दिया.
इसके बाद कांग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आजाद ने नीतीश पर हमला बोला, जिस पर जेडीयू नेता केसी त्यागी ने पलटवार किया. इन बयानों की वजह से विपक्ष की एकता तो कमजोर हुई ही, बिहार में महागठबंधन के बनने रहने पर भी सवालिया निशान लग चुका है.
बड़े विपक्षी नेताओं को गैर मौजूदगी के सवाल को कांग्रेस के नेता ने यह कहकर खारिज किया कि सभी 18 दलों के नेताओं ने मीरा कुमार के नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस मौके पर कहा कि हमारे लिए ये विचारधारा, सिद्धांत और सच्चाई की लड़ाई है और हम इसे लड़ेंगे. लेकिन इतने बड़े मौके पर कई बड़े नेताओं की गैर मौजूदगी ने रंग में भंग डालने का काम तो कर ही दिया.