दिल्ली के भावी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकारी बंगला लेने से इनकार कर चुके हैं, लेकिन पुराने नेताओं में सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाने की होड़ मची है. लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार अपने पिता के नाम पर मिले सरकारी बंगले को 2038 तक अपने पास रखने वाली हैं. यानी अगली लोकसभा में स्पीकर न रहने के बावजूद भी दिल्ली के वीवीआईपी इलाके लुटयंस जोन में उनकी जगह सुरक्षित रहेगी.
यह बंगला कृष्णा मेनन मार्ग पर है. अंग्रेजी अखबार 'टाइम्स ऑफ इंडिया' ने डायरेक्टरेट और एस्टेट्स की वेबसाइट ई-आवास के हवाले से लिखा है कि इस बंगले को 14 मार्च 2008 को मीरा के पिता और दिग्गज दलित कांग्रेसी नेता बाबू जगजीवन राम के नाम पर एक संस्था को 25 साल के लिए आवंटित किया गया था.
1986 में अपनी मौत से पहले बाबू जगजीवन राम इसी बंगले में रह रहे थे. उनके निधन के बाद बंगला उनकी पत्नी इंद्राणी देवी को सौंप दिया गया. 2002 में इंद्राणी की मौत के बाद यह बंगला मीरा कुमार को मिल गया जब 2004 में वह यूपीए सरकार में मंत्री बनीं.
2009 में यूपीए के दूसरे कार्यकाल में मीरा कुमार लोकसभा स्पीकर बनीं तो वह 20 अकबर रोड स्थित स्पीकर आवास में शिफ्ट हो गईं. लेकिन सरकारी संपत्ति का रख-रखाव करने वाले केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के मुताबिक उन्होंने कृष्णा मेनन मार्ग वाला बंगला खाली नहीं किया.
डायरेक्टरेट ऑफ एस्टेट्स ने दावा किया कि 2009 से 2013 के बीच में ये बंगला किसी के पास नहीं था लेकिन आरटीआई के जरिए CPWD रिकॉर्ड से मिली जानकारी के मुताबिक ये बंगला मीरा कुमार के नाम था और उन पर इसका 1 करोड़ 98 लाख किराया भी बकाया था. लेकिन माना जाता है कि सरकार ने दरियादिली दिखाते हुए यह किराया भी माफ कर दिया.