प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय चीन दौरे के बाद स्वेदश रवाना हो गए हैं. पीएम मोदी के इस दौरे को कई मायने में सफल बताया जा रहा है. बीजिंग से हटकर वुहान में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच ये अहम बातचीत हुई. पीएम मोदी के लिए चीनी राष्ट्रपति भी दो दिन तक वुहान में रहे.
बिना एजेंडे वाली इस मुलाकात के दौरान पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच सीमा विवाद, आतंकवाद, व्यापार और आपसी रिश्ते मजबूत करने पर बातचीत हुई. दोनों देश अफगानिस्तान में शांति कायम करने और आर्थिक मोर्चे पर मिलकर काम करने पर भी सहमति जताई है.
मोदी-जिनपिंग के इन मुलाकातों से भारत-चीन के रिश्तों में नए दौर का आगाज माना जा रहा है. क्योंकि इन दो दिनों के मुलाकात के दौरान दोनों नेता बेहद सहज नजर आए. खुद शी जिनपिंग मोदी के स्वागत में जुटे हुए थे.
वुहान में जिनपिंग और मोदी के बीच लंच के दौरान खास बातचीत हुई. ये लंच भी एक तरह से खास था, और भारतीय रंग में रंगा हुआ था. लंच मेन्यू कार्ड का डिजाइन खुद जिनपिंग की देख-रेख में तैयार किया गया और इसका रंग भारतीय झंडे (तिरंगा) जैसा था. कार्ड के ऊपर भारतीय पक्षी मयूर का चित्र बना हुआ था.
The menu card designed for the private lunch hosted for PM Modi in Wuhan has colors of Indian flag, along with the picture of national bird peacock. President Xi Jinping paid personal attention to small details: Sources pic.twitter.com/RgaasV3ctD
— ANI (@ANI) April 28, 2018
यही नहीं, खबरों की मानें तो पीएम मोदी इस दौरे से जुड़ी हर तैयारियों पर चीनी राष्ट्रपति की खास निगाहें थीं. पीएम मोदी के साथ इस मुलाकात को यादगार बनाने के लिए शी जिनपिंग हर छोटी-छोटी बातों की मुलाकात के दौरान ख्याल रख रहे थे. चीनी राष्ट्रपति की इस कोशिश को भारत के साथ रिश्ते बेहतर बनाने की एक अहम कड़ी मानी जा रही है.
इससे पहले चीन के दौरे पर गए पीएम नरेंद्र मोदी ने वुहान शहर में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ नौका विहार किया. इस शिखर वार्ता का मकसद द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए आम सहमति बनाना और संबंधों को प्रभावित करने वाले विवादित मुद्दों को सुलझाना था. मोदी के सम्मान में शी की मेजबानी में आयोजित लंच के साथ शिखर वार्ता का समापन हो गया, और प्रधानमंत्री मोदी स्वदेश रवाना हो गए हैं.
गौरतलब है कि पीएम मोदी के इस दौरे को लेकर बातचीत का कोई एजेंडा तय नहीं था. ऐसे में उन मुद्दों पर दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई जो दोनों देशों के लिए अहम हैं. हालांकि दोनों नेताओं के बीच कोई समझौता नहीं हुआ है, लेकिन आपसी व्यापार को बढ़ाने पर दोनों नेताओं ने दिलचस्पी दिखाई.