कानून मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने गुरुवार को कहा कि 26/11 मामले में आया फैसला पाकिस्तान के लिये यह संदेश है कि वह देश के मामलों में दखलंदाजी नहीं कर सकता और आतंकवादियों के लिये यह संदेश है कि उनका हश्र भी अजमल कसाब की ही तरह होगा.
मोइली ने जोर दिया कि कसाब को उसके कृत्यों के लिये कठोरतम सजा होनी ही चाहिये. पाकिस्तानी आतंकवादी कसाब को मौत की सजा सुनाने के विशेष अदालत के फैसले के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘वह इससे भी ज्यादा के लायक है. अगर कुछ और किया जा सकता है तो वह स्वागतयोग्य होगा.’
मोइली ने कहा कि कसाब को मौत की सजा सुनाना पाकिस्तान के लिये यह संदेश है कि वह भारत के लोगों की जानमाल के मामले में दखलंदाजी नहीं कर सकता. उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान (हमारे लोगों के) जानमाल के मामलों में दखलंदाजी नहीं कर सकता और उसके द्वारा कोई और आतंकवादी प्रोत्साहित किया जाता है तो उसका भी हश्र कसाब जैसा ही होगा.’
मोइली ने कहा कि यह फैसला सभी आतंकवादियों को यह संदेश देता है कि भारत में आओगे तो तुम्हारा भी ऐसा ही हश्र होगा. उन्होंने कहा कि राष्ट्र के साथ इंसाफ हुआ है.