गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि मुंबई पर हमलों के मुकदमे में अजमल कसाब को दोषी ठहराया जाना और उसके दो साथियों को बरी करना यह प्रदर्शित करता है कि भारत में कानून का शासन है और यह पाकिस्तान को एक संदेश है कि उसे आतंक का निर्यात नहीं करना चाहिए.
मुंबई की विशेष अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया करते हुए चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा, ‘अदालत ने कुछ आरोपियों को दोषी ठहराया है. उसने दो आरोपियों को बरी भी कर दिया है. यह इस बात को प्रदर्शित करता है कि अदालत अपने फैसलों में स्वतंत्र, निडर और ईमानदार है.’
उन्होंने कहा कि यह एक खुला मुकदमा है जो कानून के अनुरूप चला और आरोपियों को अपना बचाव करने का पूरा मौका दिया गया था. उन्होंने कहा, ‘मैं इस बात से संतुष्ट हूं कि साल भर के भीतर हम संभवत: एक बेहद जटिल मुकदमे में बड़ी संख्या में आरोपी ठहराये गये लोगों में से कुछ के खिलाफ फैसला करने में सक्षम रहे.’ गृह मंत्री चिदंबरम ने कहा, ‘यह मुकदमा इस बात को स्पष्ट करता है कि भारत एक ऐसा देश है जहां कानून का शासन चलता है.’ {mospagebreak}
उन्होंने कहा कि फौजदारी से जुड़ा मुकदमा चरण दर चरण ही चल सकता है और साल भर में अभियोजन इस मुकदमे में आरोपियों का दोष साबित करने में सफल रहा है.’ चिदंबरम ने पाकिस्तान को लेकर संदेश दिये जाने के बारे में पूछे एक सवाल के जवाब में कहा, ‘यह फैसला पाकिस्तान को यह संदेश है कि उन्हें भारत में आतंकवाद का निर्यात नहीं करना चाहिए. अगर उन्होंने ऐसा किया और अगर आतंकवादी पकड़े गये तो हम उन्हें न्याय के कटघरे में लाने में काबिल होंगे और उन्हें कठोर दंड दिया जा सकेगा.’
चिदंबरम ने मुकदमे में कसाब को दोषी ठहराये जाने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए जांच एजेंसियों और अभियोजन पक्ष को बधाई दी जिनके सबूतों के आधार पर कसाब और उसके साथियों का गुनाह सामने आया. चिदंबरम ने कहा कि गुस्से और भावनाओं के साथ जुड़ी मांगों के बावजूद सरकार ने फैसला किया कि कसाब और उसके साथियों पर कानून के तहत मुकदमा चलाया जाएगा और किसी भी आरोपी को दिये जाने वाले अधिकार उन्हें भी मुहैया कराये जाएंगे.