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मेट्रो एयरपोर्ट एक्सप्रेस 120 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ेगी

राष्ट्रीय राजधानी में एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन पर ट्रेन 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी और इसके लिये रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के नेतृत्व वाला एक संकुल ट्रेन चालकों को उनकी भावनात्मक स्थिरता जांचते हुए प्रशिक्षण दे रहा है.

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राष्ट्रीय राजधानी में एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन पर ट्रेन 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी और इसके लिये रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के नेतृत्व वाला एक संकुल ट्रेन चालकों को उनकी भावनात्मक स्थिरता जांचते हुए प्रशिक्षण दे रहा है.

रिलायंस इंफ्रास्टक्चर की अगुवाई वाली दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लिमिटेड इस लाइन में ट्रेनों का परिचालन करेगी. इसमें वादा किया गया है कि कनॉट प्लेस से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बीच की दूरी तय करने में महज 20 मिनट का ही वक्त लगेगा. राष्ट्रमंडल खेल से एक महीने पहले यानी सितंबर से यह सेवा जनता के लिये शुरू कर दी जायेगी.

यह भारत की पहली मेट्रो लाइन है जिसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत विकसित किया गया है. इस 22 किलोमीटर लंबे गलियारे में तीन सिटी एयरपोर्ट टर्मिनल होंगे. इन तीन स्टेशनों से यात्री सीधे चेक-इन कर सकेंगे. कनॉट प्लेस से हवाई अड्डे के बीच की इस दूरी के लिये टिकट की दर 150 रुपये रखी गयी है.

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इस लाइन पर परिचालन शुरू होने में एक महीने से कुछ अधिक समय बचा है. इसके लिये अब कंपनी 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने वाले 24 चालकों को विशेष प्रशिक्षण दे रही है.{mospagebreak}

इस लाइन पर ऐसा पहली बार होगा कि कोई ट्रेन भारत में 120 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलेगी. दिल्ली मेट्रो की औसत रफ्तार 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा है.

कंपनी के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि चालकों को अब सिमुलेटर के जरिये प्रशिक्षण दिया जा रहा है. ये सिमुलेटर स्पेन से हासिल किये गये हैं. सिग्नल संबंधी सिमुलेटर जर्मनी की सीमंस से खरीदे गये हैं.

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘दोनों सिमुलेटर प्रशिक्षण ले रहे चालकों के लिये बदतर परिचालन परिदृश्य और आपात स्थिति निर्मित करने में सक्षम हैं.’’ सिमुलेटर के जरिये कुहासा, बारिश और आग लगने जैसी स्थितियां कृत्रिम तौर पर निर्मित की जा रही हैं और ट्रेन चालकों को इन्हीं स्थितियों के लिये प्रशिक्षित किया जा रहा है.

ट्रेन चालकों की भावनात्मक स्थिरता तथा आपात स्थितियों में तुरंत फैसला लेने की क्षमता देखने के लिये मनोवैज्ञानिक विश्लेषण भी किया जा रहा है. प्रवक्ता ने कहा कि परिचालन के सभी पहलुओं से हर एक चालक को दक्ष करने के लिये भी उन्हें प्रशिक्षण मिल रहा है.

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उन्होंने कहा, ‘‘ट्रेन चालक स्टेशनों पर सिग्नलों को नियंत्रित करने में भी सक्षम होंगे. ये कर्मी आपात स्थिति में भी ट्रेन चलाने के काबिल होंगे.’

कंपनी को स्पेन की सीएएफ से पहले ही इस लाइन के लिये ट्रेनें मिल चुकी हैं. इसी कंपनी ने हांगकांग एयरपोर्ट मेट्रो और लंदन की हीथ्रो एक्सप्रेस को भी ट्रेनें मुहैया करायी थीं. इन ट्रेनों की फिलहाल द्वारका डिपो में जांच की जा रही है.

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