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मनरेगा में मुर्दों से मजदूरी, खाते में पेमेंट भी... UP के हमीरपुर में चल रहा गजब 'खेल'

हमीरपुर के खंडेह में मृत लोगों के नाम पर मनरेगा में रकम हड़पने का मामला सामने आया है. इन मजदूरों की उपस्थिति सौ फीसदी है. आरोप है कि विकास खंड के सचिव और प्रधान की सहमति से समय से उनके खातों में उनकी मजदूरी भेज दी जाती है.

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मनरेगा सेल (फाइल- फोटो)
मनरेगा सेल (फाइल- फोटो)

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में मनरेगा में मुर्दों से मजदूरी कराने और बैंक से उनकी मजदूरी की रकम निकालने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. गांव में वर्षों पहले मर चुके मजदूरों के नाम पर यह गोरखधंधा चल रहा था. मृतकों के परिजनों को इस घटना के बारे में पता चला तो ये लोग मुख्य विकास अधिकारी के पास न्याय की गुहार लगाने पहुंच गए. 

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यह मामला है जिले के मौदहा विकास खंड अंतर्गत ग्राम पंचायत खंडेह का. फ्रॉड का खेल कुछ यूं चल रहा था. मृत लोग महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत मजदूरी करने आते हैं और उनकी 100% उपस्थिति है. आरोप है कि विकास खंड के सचिव और प्रधान की सहमति से समय से उनके खातों में मजदूरी भेज दी जाती है. जब इसकी जानकारी गांव के देवेंद्र कुमार को हुई कि उनके मृतक पिता छोटे लाल, जीवित माता सुदामा और छोटा बेटा सचिन सहित कई भाई आज भी मनरेगा के तहत मजदूरी कर रहे हैं, तो उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई.

गांव निवासी राजा भैया की पत्नी भूरी की मृत्यु 10 साल पहले हो चुकी है. चतुर सिंह और हरनाम की भी कई साल पहले मौत हो चुकी है. हैरानी की बात यह है कि ये मृत मजदूर आज भी मनरेगा के तहत मजदूरी कर रहे हैं. जब जिले के विकास कार्यों की जिम्मेदारी संभालने वाले मुख्य विकास अधिकारी मथुरा प्रसाद मिश्रा को मामले की जानकारी मिली तो वो खुद सकते में आ गए. उन्होंने तत्काल टीम गठित कर मामले की जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए. साथ ही साथ जांच में दोषी पाने वालों पर एक्शन की बात कही. 

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बता दें कि हमीरपुर के खंडेह गांव में मनरेगा के करीब 1700 जॉब कार्ड धारक मजदूर हैं. इसमें से करीब 80 लोगों की मौत हो चुकी है और 132 मजदूरों का पेमेंट फर्जी तरीके से निकाला गया. शिकायत कर्ता की माने तो सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार अभी तक 2 करोड़ 20 लाख रुपयों का बंदरबाट किया गया है. ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि यहां मृत लोग मजदूरी करने कैसे आए, जिनकी मजदूरी जॉब कार्ड में 100% उपस्थिति दर्ज है.

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