सीबीआई डायरेक्टर रंजीत सिन्हा अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संस्था 'इंटरपोल' के महासचिव बनने की दौड़ में हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय और कार्मिक विभाग ने उनकी उम्मीदवारी को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है. अब वह इंटरपोल महासचिव की रेस में भारतीय चेहरा होंगे.
विदेश मंत्रालय ने आईपीएस अधिकारियों के कैडर को नियंत्रित करने वाले गृह मंत्रालय और सीबीआई का प्रशासनिक नियंत्रण रखने वाले कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग से इस बारे में राय मांगी थी. सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि दोनों ही विभागों से सिन्हा के लिए सकारात्मक जवाब मिले.
सिन्हा को इंटरपोल के फ्रांस में ल्योन स्थित मुख्यालय पर 17 जून को कार्यकारिणी समिति के समक्ष पेश होना होगा. सिन्हा 1974 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं. 61 साल के सिन्हा का नाम यूरोप से तीन और अफ्रीका और अमेरिका से एक-एक उम्मीदवारों के साथ किया गया है.
चुने गए उम्मीदवारों को कार्यकारिणी समिति के सामने पेश होना पड़ेगा, जिसमें अमेरिका, कनाडा, चिली, इटली, नीदरलैंड्स, फिनलैंड, जापान, कोरिया, नाइजीरिया, अल्जीरिया, रवांडा और कतर के प्रतिनिधि होंगे. समिति के अध्यक्ष फ्रांस के मिरीले बालेस्त्राज्जी हैं.
कार्यकारिणी समिति में अगर आम सहमति नहीं बनती तो सब उम्मीदवारों के नाम 190 सदस्यीय महासभा के पास जाएंगे, जहां अगले महासचिव का चुनाव वोटिंग से होगा. इंटरपोल के मुताबिक महासचिव की पांच साल के लिए नियुक्ति कार्यकारिणी समिति प्रस्तावित करेगी और इसे महासभा मंजूरी देगी.