गृह मंत्रालय को नहीं मालूम कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम पर सरकार ने कितने का इनाम रखा है. उसे यह भी नहीं मालूम कि देश का आम आदमी आतंकियों को पकड़वाने में किस तरह मदद कर सकता है. मंत्रालय यह भी नहीं जानता कि बीते 15 साल में मोस्ट वांटेड 10 आतंकियों की सूचना के लिए कितने का इनाम दिया गया है.
यह है मामला
दरअसल मसला यह है कि शॉर्ट फिल्में बनाने वाले प्रोड्यूसर उल्हास पी. रेवंकर ने गृह मंत्रालय में एक आरटीआई दायर कर दी और यह जानकारी मांगी. लेकिन मंत्रालय ने जो जवाब दिया वह कुछ यूं था- 'ऐसी कोई सूचना उपलब्ध नहीं है.' इस जवाब से रेवंकर संतुष्ट नहीं हुए. उन्होंने चीफ पब्लिक इंफॉर्मेशन ऑफिसर को अपील कर दी. पर जवाब वहां से भी नहीं मिला.
आरटीआई के कुछ और सवाल
गृह मंत्रालय ने क्या कहा
आरटीआई 6 सितंबर 2015 को दायर की गई थी. जवाब मिला 15 सितंबर को. अब गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव एमए गणपति ने कहा कि उन्होंने 30 नवंबर 2015 को ऑनलाइन दायर की गई रेवंकर की अपील देखी है और उनका मूल आरटीआई आवेदन भी देखा है. लेकिन जवाब में कहा गया कि ऑफिसर ने कहा था कि जिस ऑफिस के वह CPIO हैं, उसमें यह सूचना उपलब्ध नहीं है.