आतंक के लिए मुस्लिम नौजवानों को उकसाने के आरोपों से घिरे इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने और ज्यादा शिकंजा कसते हुए पहली बार किसी एनजीओ के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी किया है. मंत्रालय ने उसके एनजीओ पर लगाम लगाने का कानूनी प्रावधान किया है.
अलग-अलग जांच एजेंसी की जांच में ये सामने आया कि आईआरएफ ने कई कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन किया है. आईआरएफ को एक चैरिटेबल ट्रस्ट के तौर पर रजिस्ट्रेशन कराया गया था. जिसका नंबर बी-1409/मुंबई है. यह ट्रस्ट विदेशी चंदा नियमन कानून एक्ट (FCRA) - 2010 के तहत भी रजिस्टर्ड है. इसका नंबर- 083780696 R है. इसी के तहत एनजीओ को सिर्फ FCRA के तहत विदेशी चंदा लेने के लिए अधिकृत किया गया था. मौजूद रेकॉर्ड की छानबीन और जांच एजेंसियों से मिली रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि आईआरएफ के FCRA 2010 का उल्लंघन कर रही है.
इन रिपोर्ट्स के बाद अब सरकार ने अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए उस बात का गजट नोटिफिकेशन जारी किया है. आईआरएफ किसी मदद को लेने से पहले केंद्र सरकार से मंजूरी लेगा. इस फैसले से पहले गृह मंत्रालय ने शुरुआती जांच में पाया कि एनजीओ FCRA के विपरीत क्रियाकलापों में लिप्त था.
इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को पूर्व अनुमति श्रेणी में रखा गया था और इसलिए भारतीय रिजर्व बैंक को एनजीओ को आने वाले सभी तरह के धन के बारे में गृह मंत्रालय को जानकारी देनी पड़ेगी. साथ ही आईआरएफ को रकम जारी करने से पहले मंत्रालय की इजाजत लेनी होगी.
पिछले महीने गृह मंत्रालय ने इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन और इसके संस्थापक जाकिर नाइक के खिलाफ जारी कई जांच के बावजूद फाउंडेशन के एफसीआरए लाइसेंस का नवीनीकरण किया था. एनजीओ के खिलाफ एक जांच गृह मंत्रालय की ओर से भी की जा रही है. इसी वजह से मंत्रालय ने FCRA संबंधित मुद्दों पर गौर कर रहे मंत्रालय के विदेशी प्रभाग के प्रमुख संयुक्त सचिव जीके द्विवेदी और तीन अन्य अधिकारियों को गलत निर्णय लेने के चलते सस्पेंड किया था.