अगस्ता वेस्टलैंट चॉपर डील पर इतालवी अदालत के फैसले के बाद भारतीय राजनीति में सियासी संग्राम छिड़ गया है. इस मुद्दे पर संसद में बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने है, वहीं इन सब के बीच केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि 2013 में सीबीआई ने जैसे ही बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल के नाम मामला दर्ज किया, अगले ही दिन वह भारत छोड़ देता. मंत्री ने कहा कि यह महज संयोग नहीं है.
अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' को दिए इंटरव्यू में टेलीकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, '12 फरवरी 2013 को सीबीआई शुरुआती जांच के लिए बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल के खिलाफ मामला दर्ज करती है. वह उस वक्त भारत में था. उसके पिता भी अक्सर भारत आते-जाते थे और उनकी रसूखदार लोगों से अच्छी पहचान थी. अगले ही दिन मिशेल भारत छोड़ देता है. मैं यही कहना चाहता हूं कि यह कोई संयोग नहीं है.'
'मुझे क्वात्रोची की याद आ रही है'
हालांकि जब उनसे पूछा गया कि क्या वह यह कहना चाहते हैं कि मिशेल के भारत छोड़ने में यूपीए का हाथ है, उन्होंने कहा, 'मैं सिर्फ एक संभावना जाहिर कर रहा हूं, क्योंकि मुझे याद आ रहा है कैसे बोफोर्स मामले में बिचौलिये क्वात्रोची कोर्ट के एक आदेश के बाद अचानक भारत छोड़ देता है.'
'यूपीए के पास कहने के लिए बहुत कुछ'
बता दें कि भारत सरकार ने गुरुवार को बिटिश सरकार से अगस्ता वेस्टलैंड मामले में कथित बिचौलिये जेम्स क्रिश्चियन मिशेल के प्रत्यर्पण की मांग की है. रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'जो भी कार्रवाई होगी वह इस बात को ध्यान में रखते हुए होगी कि दोषी को सजा मिले... यह रास्ता कांग्रेस के दिग्गजों के दरवाजे जाता है.' मंत्री ने आगे कहा कि पूर्व की यूपीए सरकार के पास इस मामले में कहने के लिए बहुत कुछ है.
रविशंकर प्रसाद ने इतालवी अदालत के फैसले का जिक्र करते हुए कहा, 'इतालवी कोर्ट का जो फैसला आया है, उसमें भ्रष्टाचार की बात स्पष्ट की गई है. वह अदालत हमारे यहां के हाई कोर्ट के बराबर है. फैसले में कहा गया है कि भारतीय अधिकारियों को कमीशन का भुगतान किया गया. इसके लिए अगस्ता के वरिष्ठ अधिकारियों को दोषी पाया गया.'