नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी(एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में तय प्रोटोकॉल के अनुरूप सीट नहीं मिलने के कारण शामिल नहीं हुए. नेशनलिस्ट पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि उन्हें प्रोटोकॉल के मुताबिक जगह नहीं दी गई इसलिए शरद पवार शपथ ग्रहण समारोह में नहीं गए.
एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने नाराजगी जताते हुए कहा, 'शरद पवार वरिष्ठ और राष्ट्रीय स्तर के नेता हैं. वे मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं. शरद पवार के कार्यालय कर्मियों को जानकारी मिली कि उन्हें बैठने के लिए जो जगह दी गई है वह प्रोटोकॉल के अनुरूप नहीं थी, इसलिए उन्होंने कार्यक्रम में शामिल न होने का फैसला किया.'
मीडिया रिपोर्ट्स के मुतबिक एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार को पांचवीं सीट में जगह दी गई थी.
बता दें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से बुधवार को एनसीपी चीफ शरद पवार ने मुलाकात भी की थी. इस मुलाकात से पहले कांग्रेस और एनसीपी के विलय की खबरें आई थीं. हालांकि, ये साफ नहीं है कि मुलाकात विलय को लेकर है या फिर औपचारिक रूप से.
दिल्ली के सियासी गलियारों में चर्चा है कि अब एनसीपी का कांग्रेस में विलय हो जाना चाहिए. इस विलय का सुझाव देने वाले नेता दोनों दलों में हैं लेकिन आलाकमान का रुख साफ हुए बिना खुलकर बोलने से बच रहे हैं. पार्टी के नेताओं ने अंदरखाने प्रस्ताव भी तैयार किया है, जिसके तहत विलय होने पर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार को राज्यसभा में विपक्ष के नेता का पद दे दिया जाए.
लोकसभा में एनसीपी के 5 सांसदों के विलय से कांग्रेस सदस्यों की संख्या भी बढ़कर 57 हो जाएगी और उसको विपक्ष के नेता का पद भी मिल जाएगा, जिस पर राहुल खुद काबिज होकर मोदी सरकार से मुकाबला कर सकते हैं.