अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो भारत दौरे पर हैं. भारत पहुंचते ही पोम्पियो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की. इन बैठकों के बाद पोम्पियो ने 'इंडिया टुडे' से खास बातचीत में कई मुद्दों पर अपनी राय रखी. 'इंडिया टुडे' के ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंगप्पा ने माइक पोम्पियो से बात की और भारत-अमेरिका संबंध, ईरान के साथ जारी तनाव और पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद को दिए जा रहे समर्थन पर उनकी राय जानी.
भारत-अमेरिका संबंध
भारत और अमेरिका के परस्पर संबंधों के बारे में पोम्पियो ने कहा कि दोनों देशों के पास अपार क्षमता है. दोनों देश लोकतांत्रिक मूल्यों को तरजीह देते हैं. पोम्पियो ने कहा कि भारत के लोग अमेरिका या दुनिया के हर कोने में हर स्तर पर अमेरिका के साथ खड़े दिखते हैं.
माइक पोम्पियो ने कहा कि हमारा ध्यान इस पर ज्यादा है कि भारत और अमेरिका के संबंधों को नई धार कैसे दें और इसे ज्यादा से ज्यादा कैसे महत्वाकांक्षी बनाएं. पोम्पियो दोनों देशों के बीच व्यापार और रक्षा जैसे मुद्दों को एक सकारात्मक दिशा देने के लिए आशावान हैं.
द्विपक्षीय वार्ता के नतीजे
माइक पोम्पियो ने कहा कि सबसे अच्छी बात यह है कि दोनों देशों के बीच एक वास्तविक प्रतिबद्धता है. अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, 'मैं अपने समकक्ष एस. जयशंकर से पहली बार मिला. कई अमेरिकी उन्हें तब से जानते हैं जब वे अमेरिका में भारत के राजदूत थे. इसलिए दोनों देशों के बीच एक साथ काम करने को लेकर पहले से समझदारी है.' पोम्पियो ने कहा कि दोनों देशों के साथ साथ दुनिया के अन्य मुल्कों के लिए भी भारत और अमेरिका के बीच एक अच्छी, ठोस और भरोसेमंद साझेदारी का जरूरत है.
भारत से 'प्रेफरेंशियल स्टेटस' वापस लेना
अमेरिका की ओर से भारत के 'प्रेफरेंशियल स्टेटस' वापस लेने के मुद्दे पर पोम्पियो ने कहा कि इस संबंध को सामान्य बनाने की दिशा में काम होने जा रहा है. उन्होंने कहा, 'हमें पूरा विश्वास है कि हम इसे बहाल कर लेंगे.' पोम्पियो के मुताबिक, 'जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस (जीएसपी) भारत के लिए बड़ा मुद्दा है. सभी लोग जानते हैं कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए व्यापार घाटा काफी मायने रखता है. इसलिए हमें भरोसा है कि दोनों देश इस पर मिलकर काम करेंगे. हर देश को कुछ चीजें छोड़नी होगी और व्यापार करना होगा, मित्रवत देश ऐसा करते भी हैं.'
पाकिस्तान का आतंकवाद को समर्थन
माइक पोम्पियो ने इस मुद्दे पर कहा, 'राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से इस पर विस्तृत चर्चा हुई. हमने एक साथ इस वचनबद्धता को दोहराया कि आतंकवाद कहीं भी बर्दाश्त नहीं है.
माइक पोम्पियो ने कहा, 'हमने इस मुद्दे को काफी गंभीरता से लिया है क्योंकि यह भारत के लोगों के लिए खतरा है. साथ ही अफगानिस्तान में शांति के प्रयासों के लिए भी गंभीर चुनौती है. एक राजनयिक होने के नाते मैं उम्मीद करता हूं कि पाकिस्तान सही रास्ता चुनेगा. पाकिस्तान के लोगों के लिए भी यही सबसे अच्छा नतीजा भी होगा.'
मसूद अजहर आतंकी घोषित
पाकिस्तानी आतंकवादी मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के मुद्दे पर पोम्पियो ने कहा, 'इस काम के लिए हमने काफी मेहनत की है. हमें खुशी है कि इसका अच्छा प्रतिफल मिला. हमें पता है कि ये गलत लोग कौन हैं जो भारत और दुनिया के लिए खतरा हैं. ऐसे खतरों को कम करने के लिए अमेरिका और भारत पूरी तरह से क्षमतावान हैं.'
ईरान पर प्रतिबंध
ईरान पर प्रतिबंध को लेकर माइक पोम्पियो ने कहा, 'भारत को अच्छी कीमतों पर कच्चा तेल मिलता रहे, इसे सुनिश्चित करने के लिए हम पूरी तैयारी से काम कर रहे हैं. ईरान के साथ तनाव कम करने के लिए अमेरिका ने काफी कुछ किया है. अगर तनाव बढ़ता है या लड़ाई होती है तो इसके लिए ईरानी पक्ष जिम्मेदार होगा. मुझे उम्मीद है कि वे (ईरान) यह समझने की गलती नहीं करेंगे कि राष्ट्रपति ट्रंप ऐसे व्यक्ति हैं जो अमेरिकी हितों की रक्षा नहीं करेंगे.'
भारत-रूस के रक्षा संबंध
इस बारे में माइक पोम्पियो ने कहा कि वे एस-400 डिफेंस सिस्टम को लेकर अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं. 'हम इसके (s-400 रक्षा सौदा) जोखिम और चिंताओं को लेकर अवगत हैं.'
भारत में धार्मिक आजादी
इस बारे में अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, 'धार्मिक आजादी लोकतंत्र की आत्मा है. हर व्यक्ति को अपना धर्म अपनाने का अधिकार है.'
गौरतलब है कि भारत और अमेरिका ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को नई बुलंदियों पर ले जाने के इरादे से बुधवार को व्यापार और रूसी एस-400 मिसाइल संबंधी रक्षा सौदे जैसे प्रमुख मसलों का समाधान करने के लिए 'मित्र' के रूप में काम करने का संकल्प लिया. दोनों देशों ने इसके साथ आतंकवाद के विरुद्ध संघर्ष और रक्षा समेत कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की वचनबद्धता जाहिर की.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री माइकल पोम्पियो के बीच वार्ता के दौरान भारतीय पक्ष ने फारस की खाड़ी में बढ़ते तनाव को लेकर चिंता जाहिर करते हुए अपनी ऊर्जा की जरूरतों की पूर्ति और भारतीय प्रवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र में स्थिरता की आवश्यकता पर बल दिया.
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