कश्मीर के पुलवामा जिले में सोमवार रात सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर के भतीजे और आतंकवादी संगठन के एक अन्य कमांडर समेत तीन आतंकवादी मारे गए. अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि मुठभेड़ के बाद पाकिस्तानी सेना के विशेष बलों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली अमेरिका में बनी एम4 राइफल भी बरामद हुई.
पाकिस्तानी आतंकियों के पास से अमेरिका में बनी राइफल मिलना कई सवाल खड़े करता है. अमेरिका भले ही पाकिस्तान द्वारा कश्मीर में फैलाए जा रहे आतंक के खिलाफ हो और चाहे उसने पाकिस्तान के आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन पर प्रतिबंध लगाते हुए उसे अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया हो लेकिन पाकिस्तान के आतंकी अमेरिका द्वारा बनाए गए हथियारों का ही इस्तेमाल कर रहे हैं.
ऐसे में एक बार फिर आतंकवाद का पालन-पोषण करने वाले पाकिस्तान की सच्चाई एक बार फिर सामने आ गई है. क्योंकि जो हथियार अमेरिका से लेकर पाकिस्तानी सेना के जवान इस्तेमाल करते हैं, उन्हीं हथियारों का इस्तेमाल पाकिस्तान के आतंकी कश्मीर घाटी में दहशत फैलाने के लिए कर रहे हैं.
ये हैं एम4 राइफल की खासियत:-
-अधिकतर कार्बाइन्स की तरह M4 को भी आसानी से पकड़ा जा सकता है.
-M4 कार्बाइन सेमी ऑटोमेटिक है जिससे 3 राउंड फायर किए जा सकते हैं.
-M4 कार्बाइन M16A2 राइफल का छोटा और हल्का वैरिएंट है, जबकि दोनों का 80% हिस्सा एक समान है.
बता दें कि पुलवामा के अगलार इलाके में बीती रात हुई इस भीषण मुठभेड़ में सेना का एक जवान भी शहीद हो गया था और मुठभेड़ वाली जगह से दो एके-47 राइफल भी बरामद की गई. मारे गए आतंकवादियों की पहचान जैश के कथित डिविजनल कमांडर महमूद भाई, मसूद अजहर के भतीजे तल्हा राशिद और वसीम अहमद गनी के रूप में हुई है.
पुलिस, सेना और केंद्रीय रिजर्व पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पहले दो आतंकवादी वॉन्टेड आतंकवादियों की लिस्ट में थे और उन पर नकद भी इनाम था जबकि तीसरा आतंकवादी स्थानीय है और वह इसी साल मई में आतंकवाद से जुड़ा था.